भारत में आज विजय दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है, और इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत प्रमुख नेताओं ने 1971 के युद्ध के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विजय दिवस पर ट्वीट करते हुए लिखा, “विजय दिवस पर मैं अपने बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं जिन्होंने 1971 के युद्ध के दौरान अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए भारत को जीत दिलाई। कृतज्ञ राष्ट्र हमारे बहादुरों के सर्वोच्च बलिदान को याद करता है जिनकी कहानियां हर भारतीय को प्रेरित करती हैं और राष्ट्रीय गौरव का स्रोत बनी रहेंगी।”
विजय दिवस हर साल 16 दिसंबर को मनाया जाता है, यह दिन भारतीय सेना की 1971 में पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत की याद दिलाता है। इस युद्ध ने न केवल बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिलाई, बल्कि भारत को एक क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित किया। 1971 के युद्ध के परिणामस्वरूप पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने 16 दिसंबर 1971 को औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण किया था। यह घटना भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी, जो भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और साहस को दर्शाती है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, “विजय दिवस पर हम 1971 के युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं और अपने सशस्त्र बलों की वीरता का सम्मान करते हैं। उनकी वीरतापूर्ण वीरता और निस्वार्थ बलिदान, जिसके कारण ऐतिहासिक विजय प्राप्त हुई, हर भारतीय को प्रेरित करती रहती है। हम राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा के प्रति सदैव ऋणी रहेंगे।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा, “आज विजय दिवस पर हम उन बहादुर सैनिकों के साहस और बलिदान का सम्मान करते हैं, जिन्होंने 1971 में भारत की ऐतिहासिक जीत में योगदान दिया था। उनके निस्वार्थ समर्पण और अटूट संकल्प ने हमारे राष्ट्र की रक्षा की और हमें गौरव दिलाया। यह दिन उनकी असाधारण वीरता और उनकी अटल भावना को श्रद्धांजलि है। उनका बलिदान पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करेगा और हमारे देश के इतिहास में गहराई से अंकित रहेगा।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीट में कहा, “आज विजय दिवस के खास मौके पर देश भारत के सशस्त्र बलों की बहादुरी और बलिदान को सलाम करता है। उनके अटूट साहस और देशभक्ति ने सुनिश्चित किया कि हमारा देश सुरक्षित रहे। भारत उनके बलिदान और सेवा को कभी नहीं भूलेगा।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विजय दिवस पर लिखा, “सभी को ‘विजय दिवस’ की शुभकामनाएं। ‘विजय दिवस’ सेना के वीर जवानों के साहस, अटूट समर्पण और पराक्रम की पराकाष्ठा का प्रतीक है। 1971 में आज ही के दिन सेना के वीर जवानों ने न केवल दुश्मनों के हौसले पस्त कर तिरंगे को शान से लहराया, बल्कि मानवीय मूल्यों की रक्षा करते हुए विश्व मानचित्र पर एक ऐतिहासिक बदलाव किया। देश अनंत काल तक अपने रणबांकुरों के शौर्य पर गर्व करता रहेगा।”
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विजय दिवस पर ट्वीट किया, “समस्त देशवासियों को ‘विजय दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं। वर्ष 1971 में आज ही के दिन भारतीय सैन्य बल के पराक्रम और साहस के सामने पाक सेना ने आत्मसमर्पण किया था। यह ऐतिहासिक दिवस हमारे वीर सैनिकों की निष्ठा और राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता का परिचायक है। शौर्य और बलिदान की अद्वितीय परंपरा का निर्वाह करने वाली भारतीय सेना पर प्रत्येक भारतवासी को गर्व है।”
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 का युद्ध 3 दिसंबर को शुरू हुआ था और यह 13 दिनों तक चला। इस युद्ध के मुख्य कारण तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में हो रहे मानवीय संकट थे, जिन्हें देखते हुए भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू की थी। 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना के जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने अपनी सेना के साथ आत्मसमर्पण कर दिया, और इस दिन ने बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिलाई।