संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी क्षेत्र में स्थित मुस्लिम बहुल मोहल्ला लक्ष्मणगंज में एक प्राचीन बावड़ी के अवशेषों की खोज की गई है। इस बावड़ी के खोदाई कार्य में नगरपालिका की एक 50 सदस्यीय टीम जुटी हुई है, और परत दर परत बावड़ी के अवशेष सामने आ रहे हैं। एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की टीम ने बुधवार को इस बावड़ी का निरीक्षण किया, जो अब तक मलबे और मिट्टी के नीचे दबी हुई थी।
मंगलवार को बावड़ी की खोदाई के चौथे दिन की प्रक्रिया में 13 सीढ़ियां साफ दिखाई देने लगीं। बावड़ी की ऊपरी मंजिल से मिट्टी हटाने के लिए पालिका के 30 मजदूरों की एक टीम लगी हुई है। उन्होंने जेसीबी और ट्रैक्टर ट्रॉली के माध्यम से काम किया, जिससे धीरे-धीरे बावड़ी की संरचना उभरने लगी है। खुदाई के पहले दिनों में सीढ़ियां नजर नहीं आ रही थीं, लेकिन अब इनकी स्पष्टता बढ़ गई है।
खुदाई की शुरुआत तब हुई, जब 23 दिसंबर को संपूर्ण समाधान दिवस पर सनातन सेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने डीएम को एक प्रार्थनापत्र दिया। उन्होंने दावा किया था कि इस स्थान पर एक प्राचीन बावड़ी है। डीएम के आदेश पर तहसील और पालिका की टीम ने मौके पर पहुंचकर खुदाई शुरू की, और जल्द ही बावड़ी की दीवारें और सीढ़ियां स्पष्ट हो गईं।
नगरपालिका परिषद ने इस खोदाई कार्य के लिए 50 कर्मचारियों को तैनात किया है। जल निगम के जेई अनुज कुमार ने बताया कि बावड़ी के अवशेषों को सामने लाने के लिए कार्य में एडीएम न्यायिक सतीश कुशवाह के नेतृत्व में मजदूरों की टीम लगी हुई है। इस खोज से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह बावड़ी बहुत पुरानी हो सकती है।
यह खुदाई परियोजना, जो स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकती है, संभल के इतिहास को जानने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है।