पीलीभीत (उत्तर प्रदेश): पीलीभीत में मुठभेड़ में मारे गए खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) के तीन आतंकवादी 21 दिसंबर को हरजी होटल में रुके थे, लेकिन ताजातरीन खुलासे में यह पता चला है कि वे होटल से तीन घंटे गायब रहे थे। पुलिस अब यह जांच रही है कि वे इस दौरान कहां गए थे और किन लोगों से मिले थे।
सूत्रों के अनुसार, तीनों आतंकवादी 20 दिसंबर की शाम करीब आठ बजे हरजी होटल पहुंचे थे। हालांकि, होटल के सीसीटीवी फुटेज में यह दिखता है कि आतंकवादी तीन घंटे के लिए होटल से गायब हो गए थे। इस दौरान वे छिपते-छिपते होटल वापस लौटे थे। पुलिस अब यह जांच रही है कि वे इस दौरान कहां गए थे और उन्होंने किससे संपर्क किया था।
पुलिस ने होटल के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यह पुष्टि की है कि आतंकवादी दो मददगारों के साथ आए थे। एक मददगार, जसपाल उर्फ सनी, को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि दूसरे व्यक्ति दीपक को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। अब पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि आतंकवादियों के बाहर जाने के बाद वे किसके संपर्क में थे और उनकी गतिविधियों का क्या उद्देश्य था।
मुठभेड़ में पुलिस ने आतंकवादियों से दो मॉडिफाइड AK-47, दो विदेशी Glock पिस्टल, नकदी और अन्य सामग्री बरामद की थी। हालांकि, होटल के सीसीटीवी फुटेज में आतंकवादी बिना हथियार के दिखे थे। अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आतंकवादी इन हथियारों को कहां छिपाकर लाए थे और उन्हें किसने सहायता दी थी।
इस मामले में एक और महत्वपूर्ण पहलू सामने आया है। बताया जा रहा है कि पीलीभीत में मारे गए आतंकवादी पूरनपुर तक बसों के जरिए आए थे। तराई क्षेत्र से पंजाब तक जाने वाली बसों में आतंकवादी आसानी से यात्रा कर सकते थे, क्योंकि इन बसों में संदिग्ध व्यक्तियों के आने-जाने पर कोई विशेष निगरानी नहीं रखी जाती है। पीलीभीत और आसपास के क्षेत्रों से रोजाना कई बसें पंजाब के विभिन्न शहरों के लिए जाती हैं।
पुलिस अब इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है और आतंकवादियों की गतिविधियों और उनके मददगारों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है।
पीलीभीत एनकाउंटर मामले में पुलिस की जांच जारी है और हर पहलू की बारीकी से पड़ताल की जा रही है। आतंकवादियों के रहस्यमय गायब होने के तीन घंटे और उनके बाहरी संपर्कों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए पुलिस सक्रिय रूप से काम कर रही है। यह घटनाक्रम सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, और जांच की दिशा से जुड़ी नई जानकारी आने की संभावना बनी हुई है।