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संभल के प्राचीन तीर्थस्थलों का एएसआई द्वारा किया गया सर्वेक्षण, मंदिर की प्राचीनता पर जानकारी का इंतजार

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संभल जिले के खग्गू सराय स्थित शिव मंदिर और अन्य तीर्थस्थलों की प्राचीनता का पता लगाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने एक व्यापक सर्वेक्षण अभियान शुरू किया है। शुक्रवार को एएसआई की चार सदस्यीय टीम ने सुबह पांच बजे से लेकर तीसरे पहर 3:20 बजे तक आठ घंटे तक खग्गू सराय के शिव मंदिर का सर्वेक्षण किया। यह मंदिर 46 साल से बंद पड़ा था और हाल ही में इसका पता चला। इस सर्वेक्षण के दौरान, टीम ने न केवल शिव मंदिर का निरीक्षण किया, बल्कि चतुर्मुख कूप, मोक्ष कूप, धर्म कूप सहित 19 कुओं और पांच प्रमुख तीर्थ स्थलों का भी अध्ययन किया। इन स्थलों में भद्रक आश्रम, स्वर्गदीप, और चक्रपाणि प्रमुख हैं।

एएसआई के विशेषज्ञों ने इन स्थलों की फोटोग्राफी की और प्राचीनता से जुड़े अन्य साक्ष्य जुटाए। इस जांच के बाद, खग्गू सराय स्थित शिव मंदिर की प्राचीनता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ सकती है।

खग्गू सराय, जो मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, में 14 दिसंबर को लाउडस्पीकर के शोर की जांच करते समय डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी की टीम को एक मंदिर मिला। यह मंदिर 1978 के दंगे के बाद बंद कर दिया गया था। मंदिर को खोला गया तो वहां शिव मंदिर और हनुमान जी की मूर्ति मिली। मंदिर के पास स्थित कुएं की खुदाई के दौरान तीन मूर्तियां भी प्राप्त हुईं। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह मंदिर लगभग पांच सौ वर्ष पुराना हो सकता है। डीएम डॉ. पैंसिया ने इस मंदिर की प्राचीनता की पुष्टि के लिए एएसआई को पत्र लिखा था। इसके बाद, मेरठ और दिल्ली से चार विशेषज्ञों की टीम ने संभल आकर सर्वेक्षण शुरू किया। टीम ने शाम को अधिकारियों के साथ बैठक भी की।

डीएम डॉ. पैंसिया ने बताया कि शुरुआत में केवल खग्गू सराय के शिव मंदिर और उसके पास के कुएं का ही सर्वेक्षण कराया जाने की योजना थी, लेकिन कई इतिहासकारों ने 19 कुओं और 69 तीर्थस्थलों का उल्लेख किया था। इसके बाद, एएसआई से इन सभी अन्य कुओं और प्रमुख तीर्थस्थलों का सर्वेक्षण कराने की सिफारिश की गई। अब इस सर्वेक्षण के बाद एएसआई की रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है, जिससे इन स्थलों की प्राचीनता के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी। इसके बाद इन स्थानों के विकास की योजना बनाई जाएगी।

इसी बीच, समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के आवास पर पालिका प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए उनकी सीढ़ियों और बाहर की नालियों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। सांसद के आवास के आगे निर्माण कार्य चल रहा था, जिस पर पालिका प्रशासन ने 12 दिसंबर को नोटिस जारी किया था और नक्शे के बारे में जानकारी मांगी थी। इसके बाद सांसद के अधिवक्ता ने एक महीने का समय मांगा था, जिसके बाद दोबारा नोटिस जारी किया गया था। अब नोटिस की अवधि 22 दिसंबर को समाप्त हो रही है, और इसके बाद अगले कदम पर फैसला लिया जाएगा।

सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ गुरुवार को मीटर बायपास कर बिजली चोरी करने का आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई और उनके कनेक्शन को काट दिया गया। साथ ही 1.91 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। इसके अलावा, बिजलीकर्मियों से अभद्रता करने के आरोप में सांसद के पिता ममलूकुर्रहमान के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस, पीएसी और आरएएफ की 1300 से अधिक कर्मियों की टीम ने गुरुवार को सांसद के आवास पर छापामारी की थी और बिजली खपत की जांच की थी।

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