पंजाब के अमृतसर में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर आज सुबह जानलेवा हमला हुआ। हमलावर ने स्वर्ण मंदिर के गेट पर उनकी तरफ गोली चलाई, हालांकि वह बाल-बाल बच गए। घटना के तुरंत बाद हमलावर को पकड़ लिया गया और पुलिस के हवाले कर दिया गया।
यह हमला सुबह करीब नौ बजे हुआ, जब सुखबीर सिंह बादल सेवादार की भूमिका में मेन गेट पर तैनात थे। इस दौरान सुखदेव सिंह ढींडसा भी उनके पास मौजूद थे। गोली चलने की आवाज सुनकर दरबार साहिब में मौजूद संगत घबरा गए थे। सूचना मिलते ही वहां मौजूद लोगों ने तत्काल हमलावर को दबोच लिया। पुलिस ने मौके से हमलावर के पास से पिस्तौल भी बरामद की है। आरोपी का नाम नारायण सिंह बताया जा रहा है, जो खालसा दल से जुड़ा हुआ है।
पुलिस ने हमलावर को हिरासत में ले लिया है और उसकी पूछताछ शुरू कर दी है। अभी तक हमले के कारणों का स्पष्ट खुलासा नहीं हो पाया है, लेकिन यह घटना धार्मिक संदर्भ में हो सकती है, क्योंकि सुखबीर सिंह बादल पर अकाल तख्त द्वारा धार्मिक गलतियां करने के आरोप लगाए गए हैं। अकाल तख्त ने 2007 से 2017 तक सत्ता में रहते हुए सुखबीर सिंह बादल को सजा सुनाई थी। उन पर आरोप है कि उन्होंने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को माफी दिलवाने में मदद की थी और राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस लेने में अपनी राजनीतिक शक्तियों का इस्तेमाल किया था। इसके अलावा, उन पर पंथ के साथ गद्दारी करने का भी आरोप है।
इस घटना के बाद पंजाब में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस मामले की जांच में जुटी है। इस हमले ने पंजाब की राजनीतिक और धार्मिक स्थितियों को और भी जटिल बना दिया है। सुखबीर सिंह बादल को यह हमलावर ने ऐसे समय में निशाना बनाया जब वह सेवादार के रूप में स्वर्ण मंदिर के गेट पर तैनात थे, जो एक गंभीर संकेत हो सकता है।
पंजाब के राजनीतिक गलियारों में इस हमले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, और आगामी दिनों में इस मामले की जांच में महत्वपूर्ण मोड़ आ सकते हैं।