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उत्तर प्रदेश सरकार 14 हजार करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट पेश करेगी, कांग्रेस ने विधानसभा घेराव की दी चेतावनी

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को राज्य सरकार दूसरा अनुपूरक बजट पेश करने जा रही है। अनुमानित रूप से इस बजट का आकार 14,000 करोड़ रुपये हो सकता है। इस अनुपूरक बजट को मंगलवार सुबह कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद ही सदन में पेश किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश सरकार के दूसरे अनुपूरक बजट का मुख्य फोकस नगर विकास योजनाओं, बुनियादी ढांचे के विकास, महाकुंभ से जुड़ी मूलभूत सुविधाओं, जनता से सीधे जुड़े विभागों के कार्य, औद्योगिक विकास, स्वास्थ्य और परिवहन के क्षेत्र पर रहेगा। इस बजट में महाकुंभ के दौरान कराए जाने वाले विकास कार्यों के साथ-साथ जेवर एयरपोर्ट के लिए धन का आवंटन किया जा सकता है।

अनुपूरक बजट तब पेश किया जाता है जब राज्य सरकार को पहले से स्वीकृत बजट में अतिरिक्त खर्च की आवश्यकता होती है। यह बजट उन खर्चों को शामिल करने के लिए पेश किया जाता है, जिन्हें पहले अनुमानित बजट में शामिल नहीं किया गया था या जो नई योजनाओं और नीतियों के कारण जरूरी हो गए हैं। इस वर्ष फरवरी में योगी सरकार ने करीब 7.36 लाख करोड़ रुपये का मूल बजट पेश किया था। वहीं, 30 जुलाई को 12,909 करोड़ रुपये का पहला अनुपूरक बजट पेश किया गया था। अब सरकार का यह दूसरा अनुपूरक बजट होगा।

वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अजय राय ने सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार 18 दिसंबर को होने वाले विधानसभा घेराव से डर गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर पार्टी कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाया जा रहा है और उन्हें धमकाया जा रहा है। यह लोकतंत्र की हत्या का प्रयास है, जिसे कांग्रेस सहन नहीं करेगी। अजय राय सोमवार को प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

अजय राय ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के तहत अस्पतालों से लेकर मेडिकल कॉलेजों तक और थाने से लेकर तहसीलों तक जनता को लूटा जा रहा है। कांग्रेस इसका विरोध कर रही है, और इन्हीं मुद्दों को लेकर 18 दिसंबर को विधानसभा घेराव किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस महानिदेशक के आदेश पर पुलिस अधिकारियों द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उनके घर से बाहर निकलने से रोकने की कोशिश की जा रही है और उन्हें तरह-तरह से धमकाया जा रहा है।

अजय राय ने कहा कि यह सत्ता और कांग्रेस की लड़ाई है, इसे कांग्रेस और पुलिस की लड़ाई न बनाया जाए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि 2027 में सत्ता परिवर्तन होगा और तब कार्यकर्ताओं पर जुल्म करने वाले एक-एक अधिकारी का नाम नोट कर लिया जाएगा और उनसे हिसाब लिया जाएगा। इस मौके पर कांग्रेस के नेता मनीष श्रीवास्तव हिंदवी, ललन कुमार, प्रियंका गुप्ता और अन्य नेता भी मौजूद थे।

इस मामले ने राज्य की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है, जहां एक ओर राज्य सरकार के बजट को लेकर चर्चाएं हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के विधानसभा घेराव और पुलिस द्वारा कार्यकर्ताओं पर कथित दबाव को लेकर विवाद जारी है।

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