नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को अब नया गवर्नर मिलने जा रहा है। केंद्र सरकार ने संजय मल्होत्रा को भारतीय रिजर्व बैंक का नया गवर्नर नियुक्त किया है। यह नियुक्ति इस समय हो रही है, जब मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल में कोई विस्तार नहीं किया गया, जो मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ था।
संजय मल्होत्रा, जो पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के तहत राजस्थान कैडर से जुड़े थे, अब भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के तौर पर कार्यभार संभालने के लिए वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव के तौर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं।
उनकी नियुक्ति का निर्णय इस कारण लिया गया है, क्योंकि उनके पास वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है। उनके कार्यकाल की अवधि अगले तीन वर्षों के लिए निर्धारित की गई है। संजय मल्होत्रा को उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद केंद्रीय बैंक की जिम्मेदारियों का अवसर मिला था और अब वह शक्तिकांत दास की जगह यह महत्वपूर्ण पद संभालेंगे।
शक्तिकांत दास का कार्यकाल भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में 2018 में शुरू हुआ था। उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक ने कई महत्वपूर्ण आर्थिक फैसले लिए, जिनमें मनी पॉलिसी, बैंकिंग क्षेत्र में सुधार और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के प्रयास शामिल थे। हालांकि, सरकार ने उनके कार्यकाल में कोई विस्तार नहीं करने का निर्णय लिया।
संजय मल्होत्रा के पास न केवल केंद्रीय वित्तीय सेवा विभाग में कार्य करने का अनुभव है, बल्कि उन्होंने टैक्स और वित्तीय मामलों में भी केंद्र और राज्य सरकारों के साथ गहरा अनुभव प्राप्त किया है। यह अनुभव उन्हें रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में प्रभावी कार्य करने के लिए तैयार करता है।
संजय मल्होत्रा की नियुक्ति के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक को नए आर्थिक और वित्तीय फैसले लेने के लिए एक नई दिशा मिलेगी। उनका अनुभव और उनके द्वारा किए गए कार्य भारतीय रिजर्व बैंक की आगामी नीतियों को आकार देंगे, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।