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कुतिया ने पेट फाड़कर दिया बच्चों को जन्म, वायरल खबर ने हड़कंप

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गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के विकासखंड खोराबार के ग्राम सभा रामपुर डांडी में एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई। एक घुमंतू कुतिया ने अपने पेट को खुद फाड़कर बच्चों को जन्म दिया, जिसे देखकर गांव में हड़कंप मच गया। यह घटना देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और इलाके के लोग चमत्कारी तरीके से बच्चों के जन्म लेने को लेकर हैरान रह गए।

घटना के बाद विकासखंड खोराबार के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ. फखरूद्दीन अंसारी, अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और कुतिया का इलाज किया। डॉ. अंसारी और झंगहां पशु चिकित्साधिकारी, डॉ. एस. के. सिंह ने कुतिया का इलाज कर उसकी स्थिति को स्थिर किया।

ग्राम सभा रामपुर डांडी के रमेश साहनी के घर रहने वाली घुमंतू कुतिया ने गुरुवार शाम 5:00 बजे अपने मुंह से पेट फाड़कर बच्चों को जन्म दिया। स्थानीय लोगों ने यह दृश्य देखा और इसे तुरंत सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जिससे यह खबर तेजी से वायरल हो गई। लोग इसे चमत्कारी घटना मानते हुए अचरज में थे।

हालांकि, पशु चिकित्सकों ने बताया कि यह एक सामान्य स्थिति थी, जिसमें कुतिया ने नार्मल तरीके से बच्चों को जन्म दिया, लेकिन जन्म के दौरान उसे काफी दर्द हुआ, जिसके कारण उसने अपने पेट के ऊपरी हिस्से की चमड़ी को काट लिया। यह देखकर लोगों को यह लगा कि कुतिया ने खुद अपने पेट को फाड़कर बच्चों को जन्म दिया।

पशु चिकित्साधिकारी डॉ. फखरूद्दीन अंसारी ने बताया कि घटना के बाद, स्थानीय लोगों ने जैसे ही कुतिया की हालत देखी, तुरंत इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। वे और उनके सहयोगी डॉक्टर एस. के. सिंह मौके पर पहुंचे और कुतिया का इलाज किया। उन्होंने बताया कि कुतिया के पेट की फटी चमड़ी को सिले (टांके लगाए गए) और दवाइयां दी गईं।

वह कहते हैं, “कुतिया ने नार्मल तरीके से बच्चों को जन्म दिया, लेकिन अत्यधिक दर्द की वजह से उसने खुद अपने पेट के ऊपरी हिस्से की चमड़ी को काट लिया। जब यह देखा गया तो लोग गलत समझ बैठे और इसे पेट फाड़ने का मामला मान लिया। हमने उसका इलाज किया है और अब दोनों कुतिया और उसके बच्चे स्वस्थ हैं।”

इस घटना ने यह सवाल भी खड़ा किया है कि कैसे ऐसी चौंकाने वाली घटनाओं के बारे में बिना पूरी जानकारी के त्वरित प्रतिक्रिया दी जाती है, जिससे भ्रम फैलता है। पशु चिकित्सक और प्रशासन ने गांव वालों से अपील की है कि ऐसी घटनाओं को समझदारी से देखा जाए और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ की मदद ली जाए।

इस घटना ने यह भी दर्शाया कि इंसान और जानवर के बीच कोई बड़ा अंतर नहीं है, दोनों के ही दुख-दर्द और संकट में मदद की आवश्यकता होती है। कुतिया के लिए हुए इस इलाज ने यह साबित कर दिया कि इंसान अपने जीवन में जानवरों के साथ सहयोग कर सकता है, जैसे भगवान पर विश्वास करने वाले जानवरों का भी उनके बच्चों के लिए विश्वास होता है।

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