योगी सरकार महाकुंभ-2025 को दिव्य और भव्य स्वरूप देने के साथ-साथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। इस दिशा में प्रयागराज एयरपोर्ट का पुनर्विकास एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अब तेजी से रफ्तार पकड़ चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हालिया दौरे के बाद इस परियोजना को और गति मिली है।
प्रयागराज एयरपोर्ट के पुनर्विकास के लिए 274.38 करोड़ की लागत निर्धारित की गई है। एयरपोर्ट निदेशक फर्रूख अहसन के अनुसार, इस परियोजना का लगभग 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। यह कार्य महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।
वर्तमान में एयरपोर्ट पर एक टर्मिनल बिल्डिंग है, जिसका क्षेत्रफल 6700 वर्ग मीटर है। इसमें दो मुख्य कार्य किए जा रहे हैं: एक नई टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण और मौजूदा टर्मिनल का नवीनीकरण। नई टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण 231 करोड़ की लागत से किया जा रहा है, जिससे पैसेंजर हैंडलिंग प्लेटफार्म (पीएचपी) की क्षमता बढ़कर 1200 हो जाएगी। इस कार्य का 48 प्रतिशत भाग पूरा हो चुका है, और इसे 31 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
मौजूदा टर्मिनल को नया स्वरूप देने से पीएचपी की क्षमता 350 से बढ़कर 850 हो जाएगी, जिसका कार्य 70 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है और इसे 31 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, एयरपोर्ट में चेक-इन काउंटरों की संख्या को बढ़ाकर 42 किया जा रहा है।
एयरपोर्ट में एप्रन और लिंक टैक्सी वेज का निर्माण भी तेजी से चल रहा है, जिसकी लागत 29 करोड़ है। यह कार्य भी 31 अक्टूबर तक पूरा होने का अनुमान है। एप्रन के विस्तार का लगभग 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, जिससे यहां 10-11 छोटे विमान एक साथ खड़े हो सकेंगे।
उड़ानों की आवाजाही के विस्तार के साथ-साथ पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज (एयरोब्रिज) की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में प्रयागराज एयरपोर्ट पर 2 एयरोब्रिज हैं, जो महाकुंभ के पहले बढ़कर 6 हो जाएंगे। यह उत्तर प्रदेश का पहला एयरपोर्ट होगा, जहां 6 एयरोब्रिज होंगे, जिससे यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी।