राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ठंड के मौसम के साथ-साथ वायु प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। हालात यह हैं कि दिल्ली के 25 इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 और 400 के बीच पहुंच चुका है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है और लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता पैदा हो रही है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीसीबी) के अनुसार, बुधवार सुबह 7:30 बजे तक दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 354 अंक रहा। इस बीच, दिल्ली एनसीआर के शहरों में भी स्थिति चिंताजनक है। फरीदाबाद में एक्यूआई 181, गुरुग्राम में 248, गाजियाबाद में 320, ग्रेटर नोएडा में 196 और नोएडा में 304 अंक रिकॉर्ड किए गए हैं।
दिल्ली के विभिन्न इलाकों में एक्यूआई की स्थिति बेहद खराब है। जहांगीरपुरी में 417 और आनंद विहार में 402 एक्यूआई लेवल के साथ सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया है। अन्य प्रभावित क्षेत्रों में अलीपुर (372), अशोक विहार (359), बवाना (391), द्वारका सेक्टर 8 (367), विवेक विहार (399) और रोहिणी (388) शामिल हैं।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, आने वाले दिनों में दिल्ली का दैनिक औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहने की संभावना है। इसके लिए मौसम और जलवायु संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियां मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की गतिविधियों को भी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।
प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उपाय
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को कम करने के लिए ग्रैप 2 के नियमों के तहत नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे। इसमें कोयला, लकड़ी और डीजल जनरेटर के उपयोग को कम करने, सड़कों को साफ करने के लिए मशीनों का प्रयोग और निर्माण स्थलों पर धूल को नियंत्रित करने के उपाय शामिल हैं। ट्रैफिक पुलिस की तैनाती भी बढ़ाई जाएगी और गाड़ी पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी की जाएगी, ताकि लोग अपनी गाड़ियों का कम इस्तेमाल करें।
सार्वजनिक परिवहन के उपयोग की सलाह दी गई है और लोगों को अपनी गाड़ियों के एयर फिल्टर नियमित रूप से बदलने की भी हिदायत दी गई है। इसके अलावा, अक्टूबर से जनवरी के बीच निर्माण कार्यों को कम करने और कचरा व जैविक पदार्थ जलाने से मना किया गया है।