दीपावली से पहले ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में यह स्थिति और भी बिगड़ने की संभावना है, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इस बढ़ते प्रदूषण का सबसे अधिक असर बुजुर्गों और बच्चों पर पड़ेगा।
हाल ही के आंकड़ों के अनुसार, नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सोमवार को सुबह 10 बजे 259, ग्रेटर नोएडा का 270 और गाजियाबाद का 265 दर्ज किया गया। इसके अलावा, नोएडा के सेक्टर 116 में वायु सूचकांक 306 पर पहुंच चुका है, जो कि खतरनाक श्रेणी में आता है। इसी प्रकार, ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क 5 में एक्यूआई 310 तक पहुंच गया है, जबकि गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में यह स्थिति और भी गंभीर है, जहां वायु सूचकांक 335 दर्ज किया गया है।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि यह प्रदूषण बुजुर्गों और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक साबित हो रहा है, जिससे आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई महसूस की जा रही है।
इस गंभीर स्थिति का सामना करने के लिए जिला प्रशासन और प्रदूषण विभाग ने सक्रियता दिखाई है। दीपावली से पहले प्रदूषण का स्तर रेड जोन में पहुंचने के कारण ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत पाबंदियों को बढ़ाया जा सकता है। अधिकारियों का कहना है कि जगह-जगह कूड़ा जलाने और खुले में चल रहे निर्माण कार्यों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, जिससे वायु गुणवत्ता लगातार बिगड़ रही है।
इससे भी गंभीर स्थिति तब पैदा हो सकती है जब दिवाली के मौके पर पटाखों का इस्तेमाल बढ़ेगा और अन्य राज्यों में पराली जलाने की समस्या भी बढ़ेगी।
वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या को लेकर जनता में चिंता जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इसी तरह प्रदूषण का स्तर बढ़ता रहा, तो इसे नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती बन सकता है। लोग सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए इस स्थिति को गंभीरता से ले रहे हैं और प्रदूषण से बचने के उपायों पर विचार कर रहे हैं।