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सम्पूर्ण इतिहास और किलों का विवरण: महाराजा बिजली पासी का राज्य और उनके द्वारा निर्मित किलें

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लखनऊ के बिजनौर गढ़ के राजा, महाराजा बिजली पासी, 12वीं सदी के अंत में अवध के एक बड़े भूभाग के शासक थे। सरकारी अभिलेखों के अनुसार, महाराजा बिजली पासी लखनऊ परिक्षेत्र के सम्राट थे, और उनके राज्य में प्रजा बहुत सुखी थी। यह महत्वपूर्ण जानकारी “अपना दल एस” के बुलंदशहर जिले के अध्यक्ष, श्री राजकुमार भुर्जी ने हाल ही में अपने मोहल्ला बोबासाईं स्थित कैम्प कार्यालय पर साझा की।

राजकुमार भुर्जी ने कहा कि महाराजा बिजली पासी ने कुल 12 किलों का निर्माण कराया था। इन किलों का निर्माण सामरिक दृष्टिकोण से किया गया था, जिसमें उत्तर में पुराना किला और दक्षिण में नींवाढक जंगल को सुरक्षा के रूप में रखा गया था। मध्य में स्थित महाराजा बिजली पासी का केंद्रीय किला विशेष रूप से सुरक्षित था।

महाराजा बिजली पासी का राज्य 94,829 एकड़ भूमि या 184 वर्ग मील तक फैला हुआ था। उनका राज्यकाल गांजर युद्ध तक माना जाता है। शुरुआत में, राजा बिजली पासी ने अपनी माता की स्मृति में बिजनागढ़ किला स्थापित किया, जिसे बाद में बिजनौरगढ़ के नाम से जाना गया। इसके बाद, उन्होंने अपने पिता की याद में बिजनौरगढ़ से उत्तर में तीन किलोमीटर की दूरी पर नथवागढ़ किला बनवाया। यह किला अत्यंत भव्य और सुरक्षित था।

इस कार्यक्रम में “अपना दल एस” के बुलंदशहर जिले के जिला अध्यक्ष श्री राजकुमार भुर्जी के अलावा, कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे, जिनमें जिला उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम सैन, स्याना विधानसभा अध्यक्ष शेंकी अंबेडकर, पूर्व नगर पालिका परिषद स्याना प्रत्याशी कृष्ण कुमार, भगवत जाटव, सौरव कुमार, जीतू सिंह (पूर्व सभासद), बालकिशन बाल्मीकि, प्रेम बैरागी, शाकिर अंसारी, खुशी सागर (जिला अध्यक्ष महिला मंच), संजना, आरती सागर, प्रिया, राजवती, ब्रह्मकोर, हरीश कुमार, विवेक, मनवीर, सुनील कश्यप, राकेश कुमार आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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