211 Views
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘डिजिटल महाकुंभ’ के विजन को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 में साकार करना शुरू कर दिया है। योगी सरकार, प्रयागराज में आयोजित होने वाले इस ऐतिहासिक मेला को डिजिटल तकनीक से सुसज्जित कर रही है। महाकुंभ 2025 के लिए तैयार किया जा रहा नया 76वां जनपद ‘महाकुंभ नगर’ पूरी तरह से आधुनिक नागरिक सुविधाओं से लैस होगा और इसे रिकॉर्ड समय में बसाया जा रहा है।
इस बार, महाकुंभ मेला को बसाने का कार्य पूरी तरह से डिजिटल तरीके से किया जा रहा है। ‘महाकुंभ भूमि एवं सुविधा आवंटन’ की साइट के जरिए भूमि और संबंधित सुविधाओं की जानकारी एक क्लिक पर मिल रही है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा मेला क्षेत्र में जमीन आवंटन और सुविधाओं का कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है। अब आवेदक ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से अपनी भूमि और मेला में मिलने वाली सुविधाओं का स्टेटस कभी भी चेक कर सकते हैं।
महाकुंभ 2025 में इस बार 10,000 से अधिक संस्थाओं को भूमि आवंटन किया जाएगा, जिनमें सरकारी, आपातकालीन, सामाजिक और धार्मिक संस्थाएं शामिल हैं। कुंभ 2019 में 5,500 से अधिक संस्थाओं का डिजिटलीकरण किया गया था, लेकिन इस बार का आयोजन और भी व्यापक और पारदर्शी होगा। डिजिटल व्यवस्था के कारण साधु-संतों और संस्थाओं का काम बिना कतार में लगे, जल्दी और आसानी से निपट रहा है।
महाकुंभ को श्रद्धालुओं की आस्था का महायज्ञ माना जाता है और इस बार अनुमान है कि 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे। लाखों लोग महाकुंभ के दौरान कल्पवास भी करेंगे। इस विशाल आयोजन के लिए मेला प्राधिकरण ने 25 सेक्टरों में फैले 4,000 हेक्टेयर क्षेत्र का लेआउट तैयार किया है, जो पूरी तरह से जीआईएस आधारित नक्शे पर आधारित है।
महाकुंभ की बेहतर तैयारी के लिए मानसून के पहले और बाद में ड्रोन सर्वेक्षण कर भूमि की टोपोग्राफी और भू-भाग का सटीक नक्शा तैयार किया गया है। इस नक्शे को हाई-रिज़ॉल्यूशन तकनीक और 0.5 सेमी की एक्यूरेसी के साथ तैयार किया गया है। इसके अलावा, प्रमुख सार्वजनिक उपयोगिताओं और आपातकालीन सेवाओं को श्रद्धालुओं के लिए गूगल मैप्स पर उपलब्ध कराया गया है, ताकि वे आसानी से अस्पताल, शौचालय, पार्किंग, फूड कोर्ट जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पारदर्शिता बनाए रखने और सभी संस्थाओं को समान अवसर देने के लिए कुंभ 2019 में शामिल संस्थाओं के लिए भी आवेदन स्वीकार किए हैं। इसके लिए पोर्टल पर 29 अक्टूबर से 12 नवंबर तक आवेदन किए गए। भूमि आवंटन के लिए कुंभ 2019 के डेटा का विश्लेषण कर, नियमों के अनुसार कार्य किया गया। इसके बाद डिजिटलीकृत सुविधा पर्चियां बनाई गईं, जिन्हें संस्था के समन्वय से ऑनलाइन अपडेट किया जा सकता है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन ने कुंभ फेलो की बड़ी तादाद में तैनाती की है। इन फेलो का मुख्य काम श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन और मदद प्रदान करना है, ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपने धार्मिक कार्यों को संपन्न कर सकें।
महाकुंभ 2025 की तैयारियों की नींव लगभग ढाई साल पहले रखी गई थी और प्रशासन ने इसे दिव्य, भव्य और सुरक्षित बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है। इस बार महाकुंभ का क्षेत्रफल महाकुंभ 2013 की तुलना में दोगुना हो गया है। सेक्टर की संख्या 18 से बढ़कर 25 हो गई है और जोन की संख्या 7 से बढ़कर 10 कर दी गई है।