लखनऊ के इंडियन ओवरसीज़ बैंक में हाल ही में 42 लॉकर तोड़कर हुई डकैती ने बैंक लॉकर की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना ने न केवल बैंक की सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर किया, बल्कि आम जनता और ग्राहकों के बीच चिंता की लहर भी दौड़ा दी है। यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस मामले में बैंक की सुरक्षा को लेकर कड़ी टिप्पणी की है और आरोप लगाया है कि बैंक ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए थे।
प्रशांत कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि बैंक की तरफ से जो सुरक्षा उपाय किए जाने चाहिए थे, वह नहीं किए गए। उनका कहना था कि यह घटना उस समय हुई जब बैंक के लॉकर रूम में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने कहा कि इस तरह की डकैती से यह स्पष्ट होता है कि बैंक के अंदर सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से नाकाम रही, जिसके परिणामस्वरूप इस बड़े अपराध को अंजाम दिया जा सका।
इस डकैती की घटना ने बैंक के ग्राहकों में भय का माहौल बना दिया है और उन्होंने सवाल उठाए हैं कि आखिर बैंक में सुरक्षा के क्या उपाय किए जा रहे थे, जब इतनी बड़ी डकैती आसानी से हो गई। लोग अब यह जानना चाहते हैं कि क्या उनकी जमा की गई संपत्ति पूरी तरह से सुरक्षित है या नहीं।
बैंक प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की पहचान करने के लिए कई सुराग इकट्ठा किए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस घटना को लेकर जांच तेज कर दी गई है और जल्दी ही आरोपियों को पकड़ा जाएगा।
इस डकैती ने बैंक लॉकर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और अब यह देखना होगा कि क्या इस घटना के बाद बैंक अपनी सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा या फिर ऐसे अपराधों के बढ़ने का खतरा बना रहेगा।