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केन-बेतवा लिंक परियोजना से मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश को मिलेगा लाभ, बुंदेलखंड में हरियाली की लहर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास किया, जो मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संकट का स्थायी समाधान पेश करेगा। यह परियोजना दोनों राज्यों के किसानों और नागरिकों को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी।

केन-बेतवा लिंक परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश के 10 जिलों और उत्तरप्रदेश के 4 जिलों में कुल 10.62 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाएगी। मध्यप्रदेश के पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी और दतिया जिलों में लगभग 7 लाख किसान परिवारों को सिंचाई का लाभ मिलेगा। उत्तरप्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर और बांदा जिलों में भी सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

इसके अतिरिक्त, यह परियोजना लगभग 65 लाख लोगों को पेयजल की सुविधा भी प्रदान करेगी, जिससे जल संकट का समाधान होगा। इसके तहत लगभग 44 लाख लोग मध्यप्रदेश में और 21 लाख लोग उत्तरप्रदेश में जल आपूर्ति से लाभान्वित होंगे।

बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी का संकट हमेशा से एक बड़ी चुनौती रहा है। गर्मी के महीनों में पानी की कमी के कारण किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार किसानों को अपनी जान जोखिम में डालकर पानी की तलाश करनी पड़ती है। अब केन और बेतवा नदियों के लिंक होने से इस क्षेत्र में पानी की भारी कमी को दूर किया जाएगा।

केन नदी, जो मध्यप्रदेश के कटनी जिले से निकलती है, उत्तरप्रदेश के बांदा जिले में यमुना में मिलती है। इस नदी पर पन्ना टाइगर रिजर्व के पास दौधन बांध निर्माण किया जाएगा, जिससे पानी को रोका जाएगा और फिर एक टनल के माध्यम से इसे बेतवा नदी में छोड़ा जाएगा। बेतवा नदी मध्यप्रदेश के रायसेन जिले से निकलकर उत्तरप्रदेश के झांसी और ललितपुर जिलों से बहती है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि केन-बेतवा परियोजना से मध्यप्रदेश में सिंचाई क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। वर्ष 2003 में राज्य में केवल 3 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती थी, जो अब बढ़कर 50 लाख हेक्टेयर हो गई है। इस परियोजना के तहत, वर्ष 2025-26 तक यह क्षेत्र बढ़कर 65 लाख हेक्टेयर तक पहुंचने की संभावना है।

प्रदेश सरकार ने अगले कुछ वर्षों में सिंचाई क्षेत्र को और बढ़ाने के लिए तेज गति से कार्य करने का निर्णय लिया है। वर्ष 2028-29 तक मध्यप्रदेश की सिंचाई क्षमता को 1 करोड़ हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस दिशा में, सरकार ने वर्ष 2023-25 के बजट में सिंचाई परियोजनाओं के लिए 13,596 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

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