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वाराणसी:नए साल के मौके पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। इस दौरान, धाम क्षेत्र को पांच सेक्टर में बांटा गया है और प्रत्येक सेक्टर में कुल 45 ड्यूटी पॉइंट्स बनाए गए हैं, जहां पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। इन ड्यूटी पॉइंट्स पर तैनात पुलिसकर्मी न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा का ध्यान रखेंगे, बल्कि उनकी सहूलियत और मार्गदर्शन भी करेंगे।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में विशेष रूप से नए साल के समय श्रद्धालुओं की भारी संख्या की उम्मीद है। ऐसे में, सुरक्षा व्यवस्था को पहले से मजबूत करने के लिए इस पहल को लागू किया गया है। पांच सेक्टर में बांटने का उद्देश्य विभिन्न स्थानों पर पुलिसकर्मियों की पर्याप्त तैनाती और श्रद्धालुओं के लिए सुगम यात्रा सुनिश्चित करना है। इसके तहत, प्रत्येक सेक्टर में अलग-अलग ड्यूटी पॉइंट्स बनाए गए हैं, ताकि पुलिसकर्मी आसानी से श्रद्धालुओं के बीच मौजूद रहकर किसी भी आपात स्थिति से निपट सकें।
45 ड्यूटी पॉइंट्स पर तैनात पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे और उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाएंगे। पुलिसकर्मियों का यह कर्तव्य होगा कि वे श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन दें और मंदिर परिसर में सुगम और व्यवस्थित आवागमन सुनिश्चित करें। साथ ही, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त इंतजाम भी किए गए हैं।
इसके अलावा, सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर और डॉग स्क्वायड की भी व्यवस्था की गई है। जिससे सुरक्षा बल समय रहते किसी भी अप्रिय घटना पर नजर रख सकें। नए साल पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं के लिए यह इंतजाम श्रद्धालुओं की संतुष्टि और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए किए गए हैं।
श्री काशी विश्वनाथ धाम भारत के सबसे पवित्र और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और काशी (वाराणसी) के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है। काशी को शिव का निवास स्थान और मोक्ष की प्राप्ति का स्थल माना जाता है। यही कारण है कि यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति काशी में मृत्यु प्राप्त करता है तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। यह मंदिर कई बार नष्ट हुआ और पुनः पुनर्निर्मित किया गया। पहले मंदिर का निर्माण त्रेतायुग में हुआ था, लेकिन वर्तमान मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में महारानी Ahilyabai Holkar ने करवाया था। इसे बाद में अवध के नवाबों द्वारा भी पुनर्निर्मित किया गया था। आज का मंदिर एक विशाल और भव्य संरचना है, जो भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
श्री काशी विश्वनाथ धाम का मुख्य मंदिर भगवान शिव के “विश्वनाथ” रूप की पूजा अर्चना के लिए समर्पित है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की एक पवित्र “लिंग” प्रतिमा स्थापित है, जो श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाती है। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए देश-विदेश से लाखों लोग आते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित गंगा घाट भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यहां श्रद्धालु गंगा में स्नान करके अपने पापों से मुक्ति पाते हैं।
यहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं, इसलिए सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है। मंदिर परिसर में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर, और पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाती है। साथ ही, मंदिर में साफ-सफाई, जलपान, और अन्य सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाता है।