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कानपुर शहर में संचालित ई-बसों में बिना टिकट सवारी ढोने के आरोप में कानपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (केसीटीएसएल) ने 40 परिचालकों को बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई ई-बसों में लगे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी से सामने आए तथ्यों के बाद की गई है। इन परिचालकों पर 26 लाख 90 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, और विभाग ने इन मामलों में एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दी है।
केसीटीएसएल की 90 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शहर के विभिन्न रूटों पर हो रहा है, जैसे कि अहिरवां से आईआईटी, सेंट्रल स्टेशन से नौबस्ता, अहिरवां से बिठूर, रनियां, बिंदकी और उन्नाव तक। इन बसों में आमदनी कम होने पर मंडलायुक्त ने इसकी समीक्षा करने का आदेश दिया। इसके बाद, अधिकारियों ने 15 नवंबर से 13 दिसंबर तक जांच कराई, और इस दौरान अहिरवां और नगर निगम में बने इंटेलीजेंट ट्रांजिट मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के विशेषज्ञों द्वारा मॉनीटरिंग की गई।
सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में यह पाया गया कि कई बसों में परिचालकों ने यात्रियों से राशि ली, लेकिन उन्हें टिकट जारी नहीं किया। अधिकारियों ने बसों के सीसीटीवी फुटेज से वीडियो और फोटो लेकर रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट के आधार पर, यह तथ्य सामने आया कि कुछ बसों में 40 से 50 प्रतिशत तक सवारियां ज्यादा दिखाई गईं, जबकि टिकट नहीं बनाए गए थे।
इस मामले में 40 परिचालकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। इन परिचालकों की नियुक्ति मेसर्स एसएस इंटरप्राइजेज कंपनी द्वारा की गई थी। बर्खास्त किए गए परिचालकों में कुलवंत यादव, सौरभ कुमार मिश्रा, शुभम कुमार, अभिषेक कुमार, अंकित प्रताप और अन्य कई परिचालक शामिल हैं। इन परिचालकों के खिलाफ 304 नोटिस जारी किए गए थे, जिनमें से केवल 18 ने जवाब दिया, लेकिन उनके जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए।
जांच में पाया गया कि इन परिचालकों ने 517 बसों की ट्रिप में से पांच से 25 यात्रियों का टिकट नहीं बनाया था। इस प्रकार, कुल 5927 यात्रियों के टिकट नहीं बने, जिसके लिए इन पर कुल 26,90,100 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सबसे ज्यादा जुर्माना 1,60,000 रुपये का है, जबकि अन्य परिचालकों पर 1,57,300 रुपये से लेकर 31,850 रुपये तक जुर्माना लगाया गया है।
ई-बसों में बिना टिकट यात्रा और भ्रष्टाचार के इस मामले की गंभीरता को देखते हुए केसीटीएसएल ने सुरक्षा और निगरानी के लिए बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। इसके अलावा, अब तक की खोई हुई राजस्व राशि को वसूलने के लिए एफआईआर दर्ज करने की योजना है। रजनीश राजपूत, मुख्य संचालन अधिकारी, केसीटीएसएल ने कहा कि यह कदम यात्री सुरक्षा और बस संचालन की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।