नई दिल्ली। दिल्ली में इमामों की सैलरी को लेकर राजनीति गरमा गई है। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) ने दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
AIMIM के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शोएब जामई ने कहा कि दिल्ली के इमामों को महीनों से सैलरी नहीं मिल रही है और इस मुद्दे को नजरअंदाज करना मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गलत नीतियों को दिखाता है। इसके विरोध में AIMIM ने अब बड़ा प्रदर्शन करने की योजना बनाई है।
शोएब जामई ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अरविंद केजरीवाल ने बहुत शर्मनाक काम किया है। दिल्ली की अवाम बेहद गुस्से में है। दिल्ली के इमामों को महीनों से सैलरी नहीं मिली है, जबकि वह अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं। इस मुद्दे को नजरअंदाज कर के जब आप पुजारियों को 18-18 हजार रुपये देने का ऐलान करते हैं, तो यह पूरी तरह से नाइंसाफी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि AIMIM इस स्थिति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने जा रही है, और इस विरोध प्रदर्शन में पार्टी के कार्यकर्ता दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर तक पहुंचेंगे। उनका दावा है कि इस मुद्दे पर जब तक उचित कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
इस मुद्दे ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, खासकर दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के करीब आते हुए। AIMIM का आरोप है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल का यह फैसला दिल्ली के मुस्लिम समाज के लिए भेदभावपूर्ण है, क्योंकि एक ओर जहां पुजारियों को 18 हजार रुपये सैलरी देने का ऐलान किया गया है, वहीं दूसरी ओर इमामों को पिछले 17 महीनों से कोई वित्तीय सहायता नहीं दी गई है।
इस बीच, दिल्ली भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे को उठाया है और आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार केवल कुछ खास वर्गों के लिए ही काम कर रही है, जबकि अन्य समाज के वर्गों की अनदेखी कर रही है।
अब देखना यह होगा कि इस विरोध प्रदर्शन के बाद दिल्ली सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या इमामों की सैलरी के भुगतान को लेकर कोई ठोस समाधान निकलता है। AIMIM का कहना है कि वे इस मुद्दे को लेकर पूरी दिल्ली में आवाज उठाएंगे, ताकि इमामों को उनका हक मिल सके।