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UP Breaking News: बिल्डरों को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की चेतावनी, 31 दिसंबर तक कराएं रजिस्ट्री

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ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने बिल्डरों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि वे 31 दिसंबर 2023 तक पेंडिंग फ्लैट्स की रजिस्ट्री सुनिश्चित करें, अन्यथा उन पर अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के तहत दी गई राहत को वापस लिया जाएगा। साथ ही, फ्लैट खरीदारों से एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) के नाम पर मोटी रकम वसूलने वाले बिल्डरों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सौम्य श्रीवास्तव ने गुरुवार को प्राधिकरण के बोर्ड रूम में आयोजित बैठक में यह बयान दिया। बैठक में बिल्डर विभाग द्वारा प्रोजेक्ट-वार स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसमें बताया गया कि ग्रेटर नोएडा के विभिन्न प्रोजेक्ट्स में 31 दिसंबर तक रजिस्ट्री पूरी नहीं होने पर प्राधिकरण राहत को वापस ले सकता है।

एसीईओ ने यह भी स्पष्ट किया कि लीज डीड पर विलंब शुल्क में राहत केवल 21 जनवरी 2025 तक ही दी जाएगी। इसके बाद और कोई समय विस्तार नहीं मिलेगा। इस तारीख के बाद, फ्लैटों के लिए विलंब शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त, प्राधिकरण ने यह सुनिश्चित करने के लिए बिल्डर विभाग को निर्देश दिए हैं कि वे फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री में अधिक जोर दें और जो बिल्डर लापरवाही बरत रहे हैं, उनके आवंटन रद्द किए जाएं।

ग्रेटर नोएडा के कुल 98 प्रोजेक्ट्स में से 76 प्रोजेक्ट्स अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के आधार पर राहत के दायरे में आते हैं। इन परियोजनाओं के लिए बिल्डरों ने 25 फीसदी धनराशि जमा की है, और इनमें से 62,912 फ्लैट हैं। अब तक 38,661 फ्लैटों के लिए कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र जारी किया जा चुका है। इनमें से 31,600 फ्लैट्स की रजिस्ट्री हो चुकी है, और शेष 7,000 फ्लैट्स की रजिस्ट्री बाकी है।

प्राधिकरण का लक्ष्य है कि 21 जनवरी 2025 से पहले इन फ्लैट्स की रजिस्ट्री पूरी हो जाए, ताकि खरीदारों को विलंब शुल्क का बोझ न उठाना पड़े। एसीईओ ने कहा कि यह अंतिम मौका है, और 31 दिसंबर के बाद बिल्डरों को और कोई राहत नहीं दी जाएगी।

सौम्य श्रीवास्तव ने एनओसी के नाम पर खरीदारों से अधिक शुल्क वसूलने वाले बिल्डरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि जो बिल्डर निर्धारित शुल्क से अधिक पैसा ले रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बैठक के दौरान यह भी बताया गया कि पांच बड़े प्रोजेक्ट्स में अभी भी फ्लैट्स की रजिस्ट्री बाकी है। इनमें प्रमुख प्रोजेक्ट्स में यमुना बिल्डटेक (मिग्सन विलासा) है, जो ईटा-2 सेक्टर में स्थित है, और इसमें 763 फ्लैट्स की रजिस्ट्री बाकी है। इसी तरह, देविका गोल्डहोम (सेक्टर-1), एसडीएस इंफ्राटेक ओमेगा-2, अजय इंटरप्राइज सेक्टर-2, और महालक्ष्मी बिल्डटेक (मिग्सन अल्टिमो) ओमीक्रॉन-3 में भी फ्लैट्स की रजिस्ट्री बाकी है।

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