गोरखपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल के निदेशक और एम्स गोरखपुर के कार्यवाहक निदेशक प्रो. अजय सिंह ने गुरुवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम गोरखपुर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने गुरु गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज) की व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया और इस मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की सराहना की।
प्रो. अजय सिंह ने कहा कि एम्स भोपाल और गोरखपुर, गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज के साथ मिलकर पूर्वांचल क्षेत्र के मरीजों को उच्चतम स्तर की चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज को एम्स भोपाल और गोरखपुर से लाइव आसीयू (अडवांस्ड क्रिटिकल केयर यूनिट) सेवाएं दी जाएंगी, जिससे मरीजों को और भी बेहतर इलाज मिल सकेगा।
प्रो. सिंह ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के परिसर और कार्य संस्कृति को देखकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम करना न केवल क्षेत्रीय चिकित्सा क्षेत्र को एक नई दिशा देगा, बल्कि यह सहयोग क्षेत्र के चिकित्सा सेवा स्तर को भी बढ़ाएगा।
प्रो. अजय सिंह ने यह भी बताया कि एम्स भोपाल और गोरखपुर गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज के मेडिकल, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ को नई चिकित्सा तकनीकों पर प्रशिक्षण देंगे। इस प्रशिक्षण का सीधा लाभ मरीजों को मिलेगा, क्योंकि बेहतर प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा रोगियों को उच्च गुणवत्ता की सेवा प्रदान की जाएगी।
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह ने प्रो. अजय सिंह को बताया कि गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज में अब मेदांता हॉस्पिटल भी जुड़ चुका है, जो क्रिटिकल मरीजों के इलाज में सहयोग प्रदान करेगा। इसके अलावा, इस कॉलेज में 24 घंटे सर्जरी इमरजेंसी सेवा और 18 बेड की डायलिसिस यूनिट भी संचालित की जा रही है। हाल ही में यहां जटिल कैंसर सर्जरी की दो सफल प्रक्रियाएं भी पूरी की गई हैं।
प्रो. अजय सिंह के आगमन पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अरविंद सिंह कुशवाहा और आयुर्वेद कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. गिरिधर वेदांतम ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर नर्सिंग और पैरामेडिकल संकाय की अधिष्ठाता डॉ. डीएस अजीथा, संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ. सुनील कुमार सिंह, कृषि विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ. विमल कुमार दुबे और अन्य संकाय के प्रमुख भी उपस्थित थे।