अनूपशहर, उत्तर प्रदेश: अनूपशहर कोतवाली क्षेत्र के गांव अनिवास में बुखार का कहर जारी है, जहां पिछले 12 दिनों में तीन बच्चों की मौत हो चुकी है। इस बुखार की चपेट में अब भी कई लोग पीड़ित हैं, जिससे गांव में भय का माहौल है।
हाल ही में, 3 महीने के राज की बुखार से मौत की घटना ने ग्रामीणों को और भी परेशान कर दिया है। राज के परिजनों ने बताया कि वह पिछले 15 दिनों से बीमार था। उसके पिता मोनू ने कहा कि बुखार आने के बाद वे उसे बुलंदशहर में एक प्राइवेट चिकित्सक के पास ले गए थे, जहां डॉक्टर ने टाईफाइड और सामान्य बुखार का इलाज किया।
राज की तबीयत शुक्रवार दोपहर को बिगड़ने पर उन्हें फिर से उसी चिकित्सक के पास ले जाया गया। डॉक्टर ने कहा कि उन्हें अगले दिन आने की सलाह दी, लेकिन शनिवार को जब बच्चे की हालत और बिगड़ गई, तो डॉक्टर ने उसे मेरठ के लिए रेफर कर दिया। बुलंदशहर से मेरठ ले जाते समय राज की मौत हो गई। परिजनों ने रविवार को गमगीन माहौल में राज का अंतिम संस्कार किया।
गांव के कई ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। अनुराग राघव, प्रवीण, मोहित और लोकेश जैसे ग्रामीणों ने कहा कि बुखार की गंभीरता के बावजूद स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने मांग की है कि गांव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैंप लगाकर घर-घर जाकर जांच की जाए।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एसडीएम अनूपशहर प्रियंका गोयल ने कहा कि उन्होंने पत्र लिखकर पीएचसी प्रभारी को निर्देशित किया है कि गांव में कैंप लगाकर जांच की जाए और दवाइयों का वितरण किया जाए। वहीं, खंड विकास अधिकारी मोकम सिंह ने भी इस समस्या की गंभीरता को स्वीकार किया और कहा कि गांव में विशेष साफ-सफाई अभियान चलाया जाएगा।
पीएचसी प्रभारी डॉ. आशीष ने कहा कि गांव को चार सेक्टर में बांटकर एएनएम, सीएचओ और आशा की टीम द्वारा घर-घर जाकर सर्वे किया जाएगा। इसके साथ ही, विशेष स्वास्थ्य कैंप लगाकर लोगों की जांच की जाएगी और दवाइयों का वितरण किया जाएगा।
इस बुखार के प्रकोप ने अनिवास गांव के निवासियों में चिंता पैदा कर दी है, और सभी को उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही इस समस्या का समाधान करेगा ताकि और कोई जिंदगी बुखार के कारण न खोई जाए।