यूपी के पितृ विसर्जनी अमावस्या के अवसर पर बुलंदशहर के विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ ने आस्था का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया। बुधवार को भगवानपुर गंगा घाट, मांडू आश्रम घाट, और आहार स्थित अवंतिका घाट पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर अपने पितरों को तर्पण दिया।
मंगलवार की देर शाम से ही श्रद्धालुओं का गंगा घाटों पर आना शुरू हो गया। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने अपने पितरों के तर्पण के लिए धार्मिक अनुष्ठान किए। इस दिन की विशेषता यह है कि इसे सर्वपितृ अमावस्या, पितृ अमावस्या, महालया अमावस्या, और पितृ मोक्ष अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
हालांकि, इस श्रद्धा के बीच श्रद्धालुओं को घाटों तक पहुंचने के लिए मार्ग पर भीषण जाम का सामना करना पड़ा। भगवानपुर गंगा घाट जाने वाले मार्ग की स्थिति उबड़-खाबड़ थी, जिससे श्रद्धालुओं को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा। कई श्रद्धालुओं ने अपनी यात्रा में लगने वाले समय और कठिनाइयों के बारे में बताया।
गंगा किनारे श्रद्धालुओं ने तर्पण के लिए विशेष धार्मिक अनुष्ठान किए। इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि शास्त्रों के अनुसार, यह पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन होता है। इस अवसर पर जिन पितरों का श्राद्ध श्रद्धालु भूल गए हैं, उनके नाम से भी श्राद्ध और तर्पण किया जाता है।
स्थानीय निवासी यतेन्द्र त्यागी ने बताया, “इस दिन की हमारी परंपरा है कि हम अपने पितरों को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसे हम श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं।”