उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को महाकुंभ-2025 का लोगो, वेबसाइट और मोबाइल एप का अनावरण किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे।
महाकुंभ-2025 का लोगो विशेष रूप से डिजाइन किया गया है, जिसमें एक कलश है जिस पर ‘ॐ’ लिखा है और पीछे संगम का दृश्य दर्शाया गया है। इसके अलावा, लोगो में नगर कोतवाल हनुमान जी का चित्र और एक मंदिर भी शामिल किया गया है, जो इस धार्मिक मेले की महत्ता को दर्शाता है।
लोगो का अनावरण करने के बाद, मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर महाकुंभ-2025 की तैयारियों की समीक्षा की। लगभग एक घंटे तक चली इस बैठक में, उन्होंने घाटों की स्थिति और कुंभ से संबंधित निर्माण कार्यों का जायजा लिया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ-2025 को दिव्य, भव्य और नव्य तरीके से आयोजित कराने की जिम्मेदारी उन्होंने स्वयं ली है। इसके तहत, उन्होंने विभिन्न योजनाओं पर जोर दिया जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सुविधाजनक होंगी।
महाकुंभ-2025 की वेबसाइट श्रद्धालुओं और पर्यटकों को वायु, रेल और सड़क मार्ग से प्रयागराज पहुंचने में मार्गदर्शन करेगी। इसके माध्यम से, प्रयागराज में आवास, स्थानीय परिवहन, पार्किंग, घाटों तक पहुंचने के दिशा-निर्देश और धार्मिक गतिविधियों में भागीदारी की जानकारी उपलब्ध होगी।
इस बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए कई नई सुविधाएं दी जा रही हैं, जिनमें स्मृति चिन्ह और धार्मिक वस्तुएं उपलब्ध कराने की सुविधा, आपातकालीन स्थितियों के लिए एसओएस सुविधा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के महत्वपूर्ण अलर्ट की जानकारी शामिल हैं। इसके अलावा, श्रद्धालुओं को घाटों, आवास और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों तक पहुंचने में गूगल नेविगेशन की सहायता भी मिलेगी।
कुंभ की भव्यता को और बढ़ाने के लिए शहर में विशेष थीमेटिक लाइटें लगाई जाएंगी, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों का स्वागत करेंगी। एयरपोर्ट रोड को शहर की सबसे आकर्षक और चुनिंदा सड़कों के रूप में विकसित किया जाएगा।
महाकुंभ मेला जनवरी 2025 से 45 दिनों तक प्रयागराज में आयोजित होने वाला है। यह मेला 12 साल के अंतराल के बाद आयोजित किया जा रहा है और इसे दुनिया का सबसे बड़ा, पवित्र, धार्मिक और सांस्कृतिक मेला माना जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर इस मेले की तैयारियों में जुटी है, जिससे यह एक अविस्मरणीय अनुभव बने।