बुलंदशहर: सिकंदराबाद विधानसभा के चोला क्षेत्र के किसानों ने अपनी खेती की भूमि के अधिग्रहण को लेकर एक महत्वपूर्ण पंचायत आयोजित की। यह पंचायत किसान सेवा समिति के नेतृत्व में सुखबीर सिंह यादव के फार्म हाउस आढा पर हुई, जिसमें किसानों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि वे अपनी खेती की भूमि को अधिग्रहण से मुक्त कराना चाहते हैं।
किसान सेवा समिति के संयोजक अजित सिंह दौला ने बताया कि पिछले 25 वर्षों से क्षेत्र के किसान अपनी जमीन को परिवार के पालन-पोषण के लिए बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इन वर्षों में किसानों को मुआवजे के रूप में कुछ भी नहीं मिला, और न ही उनकी जमीन के भू-रिकार्ड में कोई सुधार किया गया। इसके कारण किसानों के नाम भू-रिकार्ड से काट दिए गए हैं, जिससे वे सरकार की कई योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, जैसे सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, खाद-बीज की योजना आदि।
किसानों ने अपनी पंचायत में यह निर्णय लिया कि उत्तर प्रदेश सरकार से यह मांग की जाएगी कि चोला क्षेत्र के किसानों की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को रद्द किया जाए और उनकी भूमि को फिर से खतौनी में दर्ज किया जाए। इसके साथ ही किसानों ने यह भी आग्रह किया कि अगर भविष्य में किसी राष्ट्रीय परियोजना के लिए भूमि की आवश्यकता हो, तो नया भूमि अधिग्रहण कानून लागू करके सभी उचित लाभ प्रदान कर पुनः अधिग्रहण की प्रक्रिया की जाए।
पंचायत में किसानों और उनके प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर अपनी आवाज को सरकार तक पहुँचाने का संकल्प लिया और यह भी तय किया कि वे इस संघर्ष को आगामी दिनों में और तेज करेंगे। किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो वे आने वाले दिनों में और कड़े कदम उठा सकते हैं।
पंचायत में क्षेत्र के कई स्थानीय नेताओं और समाजसेवियों ने भी किसानों के समर्थन में अपने विचार रखे और कहा कि यह मुद्दा केवल चोला क्षेत्र के किसानों का नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के किसानों का है। उन्होंने सरकार से अपील की कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं।