बुलंदशहर में एक महत्वपूर्ण न्यायिक फैसले के तहत, पॉक्सो एक्ट के तहत पहली बार एक महिला को गैंग रेप के मामले में दोषी ठहराते हुए 20 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। यह मामला 2017 का है, जब आरोपियों ने एक बालिका का अपहरण कर गैंग रेप की घटना को अंजाम दिया था।
मामले का संक्षिप्त विवरण
बुलंदशहर के एक गांव में हुए इस जघन्य अपराध में दो पुरुषों के साथ एक महिला भी शामिल थी। इस मामले में पीड़िता के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। न्यायालय में यह मामला लंबे समय से चल रहा था। मंगलवार को, न्यायालय ने सुनवाई के बाद तीनों आरोपियों को गैंग रेप का दोषी मानते हुए 20 वर्ष की कठोर कारावास के साथ-साथ अर्थ दंड की सजा भी सुनाई है।
न्यायालय का फैसला
इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए एडीजीसी वरुण कौशिक ने कहा, “यह बुलंदशहर जिले में पहली बार हुआ है जब किसी महिला को गैंग रेप के मामले में दोषी माना गया है।” उन्होंने यह भी बताया कि न्यायालय की कार्रवाई ने पीड़िता के परिजनों को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
परिजनों की प्रतिक्रिया
पीड़ित परिवार ने न्यायालय के इस फैसले की प्रशंसा की है और अधिवक्ताओं का आभार व्यक्त किया है। परिवार ने कहा कि उन्हें न्याय मिला है और इस फैसले से अन्य मामलों में भी न्याय की उम्मीद जगी है।
इस मामले ने समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम किया है और यह संदेश दिया है कि कोई भी अपराधी बच नहीं सकता, चाहे वह कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो।