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बुलंदशहर: लॉरेंस विश्नाई गैंग का सप्लायर रिजवान की रिहाई पर आतिशबाजी, पुलिस ने किया गिरफ्तार

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बुलंदशहर: बुलंदशहर में एक हथियार सप्लायर रिजवान अंसारी की रिहाई के बाद हंगामा मच गया। रिजवान अंसारी, जोकि लारेंस विश्नाई गैंग को हथियार सप्लाई करने के आरोप में कुख्यात है, को तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा किया गया था। इस पर खुर्जा में उसके स्वागत में आतिशबाजी और खुशी मनाने का नजारा देखने को मिला।
रिजवान अंसारी का स्वागत करने के लिए कारों की छतों पर सवार लोग खुशी से झूमते हुए दिखे। आतिशबाजी की आवाजों के बीच यह दृश्य बिल्कुल अलग था, जहां हथियार माफिया की रिहाई पर स्थानीय लोग उत्साहित नजर आए।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने तीन महीने पहले रिजवान अंसारी को गिरफ्तार किया था। वह लंबे समय से हथियारों की सप्लाई में लिप्त था और लारेंस विश्नाई गैंग को हथियारों की आपूर्ति करता था। तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद रिजवान अंसारी ने रात के समय खुर्जा का रुख किया और वहां पहुंचते ही उसके स्वागत में आतिशबाजी शुरू हो गई।
इसके बाद, पुलिस ने एक्शन लिया और तुरंत रिजवान अंसारी तथा उसके बेटे अदनान को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने रिजवान के कब्जे से 9 तमंचे भी बरामद किए हैं। इस पूरे मामले को लेकर पुलिस ने कहा है कि हथियारों की तस्करी करने वाले माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रिजवान अंसारी बुलंदशहर के खुर्जा का रहने वाला है और उसकी गिरफ्तारी तथा फिर से रिहाई ने स्थानीय समुदाय में हड़कंप मचा दिया है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि हथियार तस्करी और अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।
बता दें कि खुशियां मनाने के लिए लोग विभिन्न तरीके अपनाए जाते हैं, और इनमें से एक तरीका है – आतिशबाजी और हवाई फायरिंग। खासतौर पर जेल से रिहाई के बाद या किसी विशेष अवसर पर लोगों द्वारा इसे मनाने का चलन है। हालाँकि, यह प्रथा अब विवादों और अपराधों का कारण बन गई है। जेल से रिहाई के बाद आतिशबाजी और हवाई फायरिंग के मामलों में वृद्धि ने सुरक्षा की चिंता को और बढ़ा दिया है। इस प्रकार की घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह की गतिविधियां न केवल कानूनी रूप से गलत हैं, बल्कि वे आम जनता के लिए खतरे की घंटी भी हैं।
भारत में जेल से रिहाई के बाद आतिशबाजी और हवाई फायरिंग के मामले काफी बढ़ गए हैं। कई अपराधियों और अपराधी गैंगों के सदस्य, जिन्हें सजा के बाद रिहा किया जाता है, वे अपनी स्वतंत्रता का उत्सव मनाने के लिए हवाई फायरिंग और आतिशबाजी का सहारा लेते हैं। यह कई बार सार्वजनिक स्थानों पर होने वाली घटनाओं में तब्दील हो जाता है, जो सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
रिहाई के बाद आतिशबाजी और हवाई फायरिंग करने के कई कारण होते हैं। अक्सर, ये कृत्य एक शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखे जाते हैं, जिसमें अपराधी अपने प्रभाव और ताकत का प्रदर्शन करते हैं। इसके अलावा, कुछ लोग इसे अपनी खुशी का इजहार करने का तरीका मानते हैं। हालांकि, इस प्रकार की गतिविधियों के परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
हवाई फायरिंग और आतिशबाजी के मामलों में पुलिस की कार्रवाई बेहद महत्वपूर्ण है। भारतीय कानून के अनुसार, हवाई फायरिंग करना एक गंभीर अपराध है। इसके अतिरिक्त, आर्म्स एक्ट के तहत भी बिना लाइसेंस के बंदूक चलाना एक अपराध है। जब पुलिस किसी मामले में कार्रवाई करती है, तो आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाता है और उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यदि गोली किसी को चोट पहुँचाती है या किसी की जान चली जाती है, तो आरोपी पर हत्या या हत्या के प्रयास का मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है। इसके साथ ही, समाज में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस को कड़ी निगरानी रखनी पड़ती है और ऐसे मामलों को सख्ती से निपटना पड़ता है।

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