उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के बुगरासी में किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करने का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। शासन के निर्देशों के अनुसार, सभी तहसीलों के अधिकारियों को किसानों से मिलकर उन्हें इस मुद्दे पर समझाने के लिए कहा गया है।
कार्यक्रम में एडीओ एग्रीकल्चर महेश कुमार ने किसानों से अपील की कि वे धान की पराली, गन्ने की पट्टी और अन्य ऐसी वस्तुएं, जो प्रदूषण का कारण बनती हैं, को न जलाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पराली जलाने से न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। महेश कुमार ने चेतावनी दी कि अगर कोई किसान पराली जलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें 2500 रुपये से लेकर 15000 रुपये तक का जुर्माना या फिर 3 महीने की कैद की सजा का प्रावधान है।
इस मौके पर वीरपाल सिंह, एसएमएस कृष्ण पाल सिंह, वीडियो एग्रीकल्चर महेश कुमार, बम ब्रह्म दत्त शर्मा, एटीएम विजयपाल सिंह और दर्जनों किसान मौजूद रहे। सभी ने इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा की और पराली न जलाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
बुगरासी में आयोजित इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल किसानों को सही जानकारी प्रदान करना है, बल्कि प्रदूषण की समस्या को कम करने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाना है। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है, और इस दिशा में जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है। इस कार्यक्रम के माध्यम से अधिकारियों ने किसानों को समझाने की कोशिश की कि प्रदूषण को कम करने के लिए पराली जलाने के बजाय, अन्य विकल्पों पर विचार करें, जैसे कि कंपोस्ट बनाने या फसल अवशेषों का सही ढंग से प्रबंधन करना।