बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश): बुलंदशहर जिले के स्याना क्षेत्र में एक 10 साल की बच्ची के अपहरण की घटना ने नारी सुरक्षा के मुद्दे पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। शनिवार शाम को सरेआम बाइक सवार बदमाशों ने बच्ची को खेलते हुए उठा लिया था, लेकिन इस अपहरण का मामला और भी चौंकाने वाला तब हुआ जब अपहरणकर्ताओं ने बच्ची को करीब 5 किलोमीटर दूर छोड़ दिया। घटना के बाद जब बच्ची ने अपने पिता को बताया कि अपहरणकर्ताओं ने फोन में एक लड़की का फोटो देखा और फिर उसका चेहरा पहचानकर उसे छोड़ दिया, तो मामला और उलझ गया।
अपहरण की घटना और CCTV फुटेज
सरेआम अपहरण की यह घटना एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिससे पुलिस की नारी सुरक्षा को लेकर की जा रही दावों की पोल खुल गई। CCTV फुटेज में दो बाइक सवार बदमाश बच्ची को लेकर जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह घटना उस समय की है जब बच्ची अपने घर के पास खेल रही थी। बच्ची के मुताबिक, अपहरणकर्ताओं ने पहले फोन में एक लड़की का फोटो देखा और फिर उसकी तस्वीर देखकर कहा कि गलत बच्ची उठा ली है। इसके बाद उन्होंने बच्ची को लगभग 5 किलोमीटर दूर जाकर छोड़ दिया।
हालांकि बच्ची अपने परिवार में सुरक्षित पहुंच गई, लेकिन यह घटना सवाल खड़ा करती है कि जिन बदमाशों ने एक बच्ची का अपहरण किया, वे किस उद्देश्य से ऐसा कर रहे थे। क्या वह बच्ची को गलत पहचानकर छोड़ गए या किसी अन्य बच्ची का अपहरण करना चाहते थे? पुलिस ने अब तक अपहरणकर्ताओं का कोई सुराग नहीं पाया है, लेकिन एसएसपी श्लोक कुमार ने कहा है कि पुलिस इस मामले में पूरी तरह से सक्रिय है और आरोपियों को पकड़ने के लिए प्रयास जारी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि अपहरणकर्ता इलाके में दिखे, तो पुलिस उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी और गोली तक चलाने से भी नहीं हिचकेगी।
CO स्याना का बयान
स्याना के सीओ दलीप सिंह ने इस मामले को लेकर कुछ और ही दावा किया है। उन्होंने बताया कि बच्ची का अपहरण नहीं हुआ था। उनके अनुसार बच्ची ट्यूशन पढ़कर देर से घर लौट रही थी और किसी कारणवश डर के मारे कहीं चली गई थी। परिजनों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि बच्ची ने अपनी मर्जी से कहीं जाने का फैसला लिया था और इसलिए कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई। सीओ का कहना है कि वायरल वीडियो में दिख रहे दो युवक इस घटना से जुड़े नहीं हैं और उनका इस मामले से कोई संबंध नहीं है।
नारी सुरक्षा पर सवाल
हालांकि, इस घटनाक्रम में कई पहलू सामने आए हैं, जिससे नारी सुरक्षा के प्रति पुलिस के दावों पर सवाल उठने लगे हैं। अगर यह घटना असल में अपहरण की होती तो क्या पुलिस इस तरह से मामले को दरकिनार कर देती? सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो के बाद कई लोगों ने पुलिस के रवैये पर आलोचना की है और यह सवाल उठाया है कि क्या पुलिस की नजर में हर ऐसी घटना महज एक सामान्य घटना बनकर रह जाती है, जबकि यह दरअसल एक गंभीर अपराध हो सकता था।
अब क्या कदम उठाएगी पुलिस?
अब जबकि मामला सीसीटीवी फुटेज और बच्ची के बयान के आधार पर उलझ गया है, पुलिस को मामले की गंभीरता से जांच करनी होगी। एसएसपी श्लोक कुमार ने भी कहा है कि अपहरणकर्ताओं को जल्द से जल्द पकड़ा जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, स्याना के सीओ ने इस मामले को हल्का कर दिया है, लेकिन पुलिस की छवि को लेकर यह घटना एक बड़ा सवाल बनकर सामने आई है।