बुलंदशहर के अनूपशहर में बुखार ने अपना प्रकोप दिखाया हुआ है। कोतवाली क्षेत्र के गांव अनिवास में बुखार के चलते 12 दिन में दो बच्चों की मौत हो गई। यहां अब कक्षा एक के छात्र अभी राघव की बुखार से मौत का मामला सामने आया है। अभी अनूपशहर के एक प्राइवेट स्कूल में कक्षा एक का छात्र था।
परिजनों ने बताया कि उनका 8 वर्षीय बेटा अभी पिछले 7 दिनों से बीमार चल रहा था। जिसकी अलीगढ़ से मेरठ ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। वहीं, क्षेत्र में काफी लोग बुखार से पीड़ित चल रहे हैं जो झोलाछाप आदि से अपना इलाज करवा रहे हैं।
7 दिन पहले आया बुखार
छात्र के पिता भूपेंद्र राघव ने बताया कि पंद्रह दिन पहले उनके पुत्र को बुखार आया था। डॉक्टर ने भी बुखार बताया था। अनूपशहर प्राइवेट चिकित्सक के यहां दिखाया। ठीक ना होने पर बुलंदशहर दिखाया। यहां से ठीक होने के बाद वह वापस अपने गांव आ गया। तीन चार दिन पहले फिर बुखार आया। जिसके बाद बुलंदशहर प्राइवेट चिकित्सक के यहां दिखाया। फायदा ना होने पर अलीगढ़ ले गये। वहां से आज सुबह मेरठ के लिए रेफर कर दिया।
अलीगढ़ से मेरठ ले जाने के दौरान छात्र अभी ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जिसके बाद परिजन अभी के शव को लेकर गांव पहुंचे हैं। परिजनो ने बताया कि दोपहर बाद गमगीन माहौल में छात्र का जल प्रभाव किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप
ग्रामीण अनुराग राघव, प्रवीण, मोहित आदि का आरोप है कि गांव में बढ़ते बुखार एवं दो बच्चों की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है। ग्रामीणों की मांग है कि गांव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैंप लगाकर घर-घर जांच की जाए। एसडीएम अनूपशहर प्रियंका गोयल ने बताया कि संचारी रोगों के संबंध में तहसील परिसर में मीटिंग कर सभी सरकारी डॉक्टरों को लापरवाही न बरतने हेतु निर्देशित किया गया है। गांव अनिवास में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैंप लगाकर जांच की जा रही है, दवाइयो का वितरण किया जा रहा है।
सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन आ रहें 500 मरीज
अनूपशहर में बुखार का कहर इस कदर है कि जहां प्रतिदिन सरकारी अस्पताल अनूपशहर में 250 से 300 मरीज दिखाने आ रहे थे। अब वहां 400 से 500 मरीज प्रतिदिन डॉक्टर को दिखाने के लिए आ रहे हैं। वहीं प्राइवेट चिकित्सकों के यहां भी मरीजों की लंबी लाइन देखने को मिल रही है।
सीएचसी प्रभारी डॉ पीके मिश्रा ने बताया कि इस समय फीवर, टाइफाइड के पेशेंट अधिक आ रहे हैं। बुखार से बचने के लिए उपाय बताते हुए उन्होंने कहा कि सभी लोग फुल बाजू के कपड़े पहने। गंदा पानी घर में एकत्र न होने दे। बुखार महसूस होने पर झोलाछाप की बजाय सरकारी अस्पताल में आकर डॉक्टर से सलाह ले।