बंगलूरू पुलिस ने एक चर्चित गिरफ्तारी के दौरान अपने ऑपरेशन को पूरी तरह गोपनीय रखा और निकिता की मां और भाई को एक होटल से फिल्मी अंदाज में गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी बंगलूरू पुलिस के दो पुलिसकर्मियों द्वारा की गई, जिन्होंने एक दिन पहले डॉक्टर और नर्स का रूप धारण किया था। पूरी रात दोनों ने मां-बेटे पर नजर रखी और सुबह होते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने अपने ऑपरेशन को इतनी सफाई से अंजाम दिया कि न तो आरोपियों को भनक लगी और न ही किसी अन्य को इसकी जानकारी हो पाई।
सूत्रों के अनुसार, 13 दिसंबर को बंगलूरू पुलिस की एक टीम ने जौनपुर में आरोपियों के घर पर नोटिस चस्पा किया था। इसके बाद पुलिस ने निकिता की मां निशा और भाई अनुराग उर्फ पीयूष की लोकेशन ट्रैक की, जो इसी दिन मिल गई। बंगलूरू पुलिस के दो अधिकारी, मदर शिवप्पा और विनीथा ने रात 2 बजे झूंसी स्थित एक होटल में डॉक्टर और नर्स के रूप में चुपके से प्रवेश किया।
इस दौरान दोनों अधिकारियों ने गेस्ट रजिस्टर मांगा और कमरे की जानकारी ली। गेस्ट रजिस्टर के एक पन्ने की तस्वीर भी खींची गई। इस रजिस्टर से यह जानकारी मिली कि मां-बेटे कमरा नंबर 111 में ठहरे हुए थे, जबकि पुलिसकर्मी कमरा नंबर 101 और 108 में ठहरे थे। रातभर दोनों पुलिसकर्मी जागते रहे और इधर-उधर टहलते रहे।
सुबह करीब 8 बजे, दोनों पुलिसकर्मी मां-बेटे के कमरे में पहुंचे और उनसे लंबी बातचीत की। इसके बाद, उन्होंने होटल से कैब बुक की और वाराणसी एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। दोपहर तक उन्होंने आरोपियों को पकड़ लिया और फ्लाइट से बंगलूरू के लिए रवाना कर दिया।
इस पूरी गिरफ्तारी के ऑपरेशन को बंगलूरू पुलिस ने इतनी गोपनीयता से अंजाम दिया कि स्थानीय पुलिस को भी इसकी भनक नहीं लगी। पुलिस अधिकारियों ने इस मामले में कोई भी जानकारी न तो स्थानीय पुलिस से साझा की और न ही गिरफ्तारी की जानकारी किसी से साझा की। डीसीपी अभिषेक भारती ने कहा कि इस ऑपरेशन के बारे में पुलिस ने किसी भी स्तर पर कोई संपर्क नहीं किया।
सीसीटीवी फुटेज से पुष्टि हुई कि निकिता की मां और भाई झूंसी स्थित होटल में 13 दिसंबर की रात पहुंचे थे। फुटेज में वे वही कपड़े पहने नजर आए, जो उन्होंने घर छोड़ने के समय पहने थे। इस दौरान यह भी सामने आया कि चार दिन तक होटल में रहने के दौरान निकिता की मां एक बार भी होटल से बाहर नहीं निकलीं, जबकि बेटा चेहरे पर मास्क लगाकर होटल से बाहर निकला।
बंगलूरू के इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस के आरोपियों में से निकिता की मां और भाई की गिरफ्तारी की यह घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है। 9 दिसंबर को हुई घटना के बाद, निकिता की मां और भाई 11 दिसंबर की रात अपने घर में ताला लगाकर फरार हो गए थे। पुख्ता सूत्रों के अनुसार, उसी रात दोनों झूंसी के ताहिरपुर बंधवा गांव स्थित होटल में पहुंचे और छिपकर रहने लगे। अगले दिन, दोनों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी भी दाखिल की थी।
बंगलूरू पुलिस ने 13 दिसंबर को उनके जौनपुर स्थित घर पर जाकर नोटिस चस्पा किया था। इसके बाद, पुलिस ने जौनपुर से उनकी लोकेशन ट्रैक की और फिर रविवार को उन्हें होटल से गिरफ्तार कर लिया।