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Atul Subhash Suicide: AI इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड मामले में बड़ा एक्शन, पत्नी समेत 4 के खिलाफ केस दर्ज

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बेंगलुरु में एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले ने अब पूरे देश में सुर्खियां बटोर ली हैं। 11 दिसंबर 2024 को अतुल के भाई द्वारा की गई शिकायत के बाद पुलिस ने पहली एफआईआर दर्ज की है। इस एफआईआर में अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग सिंघानिया और चाचा सुशील सिंघानिया के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। मराठाहल्ली पुलिस अब मामले की जांच कर रही है।

अतुल के सुसाइड नोट में गंभीर आरोप

अतुल सुभाष के सुसाइड नोट और वीडियो में उसने अपनी पत्नी और उसके परिवार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। सुसाइड वीडियो में अतुल ने अपनी पत्नी, उसके परिवार के सदस्यों और एक जज पर उत्पीड़न, जबरन वसूली और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद, अतुल के भाई विकास कुमार ने कहा था कि उनके भाई की पत्नी के साथ अलगाव के आठ महीने बाद तलाक का मामला दायर किया गया था, जिसमें उनके परिवार के खिलाफ कई आरोप लगाए गए। विकास ने यह भी बताया कि भारत में कानून पुरुषों के बजाय महिलाओं के पक्ष में अधिक होते हैं और अतुल ने अपनी जान देने से पहले इस मुद्दे को लेकर लंबे समय तक संघर्ष किया था।

पत्नी की ओर से 30 लाख रुपये की मांग

एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि 2019 में अतुल और निकिता की शादी हुई थी और उनका एक बेटा भी था। हालांकि, कुछ समय बाद दोनों ने अलग होने का फैसला किया और इसके बाद निकिता की तरफ से सेटलमेंट के तौर पर 3 करोड़ रुपये की मांग की गई थी। इसके अतिरिक्त, आरोप यह भी है कि अतुल की पत्नी ने अपने चार साल के बेटे से मिलने के लिए 30 लाख रुपये की मांग की थी।

अतुल के सुसाइड नोट में उनके दर्द का इज़हार

अतुल सुभाष का सुसाइड नोट यह साफ दिखाता है कि वह मानसिक रूप से बेहद परेशान थे। अपने नोट में उन्होंने लिखा, “मुझे लगता है कि मेरे लिए मर जाना ही बेहतर होगा, क्योंकि जो पैसे मैं कमा रहा हूं… उससे मैं अपने ही दुश्मन को बलवान बना रहा हूं। मेरा कमाया हुआ पैसा मुझे ही बर्बाद करने में लग रहा है। अगर इतने सबूतों, तमाम डॉक्यूमेंट्स, मेरे बयान के बाद भी मेरे गुनहगारों को सजा नहीं मिलती है, तो मेरी अस्थियां कोर्ट के बाहर किसी गटर में बहा देना चाहिए।”

अतुल सुभाष उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट स्थित डेल्फीनियम रेजीडेंसी में रहते थे। उनके जीवन में पारिवारिक समस्याएं काफी लंबे समय से थीं, जिनके चलते उन्होंने कई बार अपनी परेशानियों का जिक्र किया था। एफआईआर और सुसाइड नोट के जरिए अतुल ने अपनी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा किए गए उत्पीड़न और मानसिक दबाव की पूरी कहानी साझा की है, जो उसकी मौत का मुख्य कारण बनी।

अब इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। इस केस में परिवार के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, और यह मामला एक बड़ी कानूनी लड़ाई में बदलता हुआ नजर आ रहा है। अतुल सुभाष की आत्महत्या के कारणों और आरोपों की पूरी जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि इस मामले में किन्हें दोषी ठहराया जाएगा और क्या न्याय मिलेगा।

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