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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बिना नाम लिए भाजपा और योगी सरकार को आड़े हाथों लिया और कई गंभीर आरोप लगाए। इस दौरान सपा प्रमुख ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास के नीचे भी शिवलिंग है, जिसे खोदना चाहिए, ताकि उसकी असलियत सामने आ सके।
अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री के हाथ में विकास की रेखाएं नहीं, बल्कि विनाश की रेखाएं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर योगी के हाथ की रेखाएं देखी जाएं, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि वे उत्तर प्रदेश को कर्ज के जाल में फंसा देंगे और 2027 तक सरकार का खजाना खाली कर देंगे।
अखिलेश ने यह भी कहा कि अगर सपा के कार्यकर्ताओं पर किसी भी तरह के मुकदमे लगाए गए, तो वे कुंभ मेले में हुई अव्यवस्थाओं का पूरी तरह से खुलासा करेंगे। उन्होंने कहा कि कुंभ में आमंत्रण भेजने की कोई प्रक्रिया नहीं है, लोग स्वेच्छा से वहां आते हैं, लेकिन सरकार ने दावा किया था कि गंगा एक्सप्रेसवे कुंभ से पहले चालू हो जाएगा, क्या वह हुआ?
अखिलेश यादव ने कहा कि ईवीएम के कारण चुनावों में न तो हारने वाले को हार का विश्वास होता है, और न ही जीतने वाले को जीत का। उन्होंने कहा कि इसलिए समाजवादी पार्टी का यह स्पष्ट आग्रह है कि आगामी चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएं, ताकि सभी को चुनाव प्रक्रिया पर विश्वास हो।
समाजवादी पार्टी के महासचिव शिवपाल यादव ने कहा कि वे नए साल में ऐसी योजना बनाना चाहते हैं, जिससे 2027 में सपा की सरकार बने और अखिलेश यादव फिर से मुख्यमंत्री बनें। उन्होंने कहा कि 2027 में मिशन ‘सपा सरकार’ की सफलता के लिए हर कार्यकर्ता को तैयार रहना होगा।
अखिलेश यादव ने एक दिन पहले अमर उजाला से बातचीत में कहा था कि भाजपा सरकार की साजिशों को पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) समझ चुका है और आगामी चुनाव में उसे इसका जवाब देगा। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनावों के बाद बिहार में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी, क्योंकि भाजपा की राजनीति का असली चेहरा अब सामने आ चुका है। अखिलेश ने कहा कि इंसानी जिंदगियों की सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा है, और संभल में हुए हादसे में जिंदगियां जाने का मामला बहुत गंभीर है।
अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ के शासन को धार्मिक तो बताया, लेकिन उनकी दूरदृष्टि पर सवाल उठाते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ विजिनरी (दूरगामी सोच वाले) मुख्यमंत्री नहीं हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने जब सत्ता में थी, तब इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में कई अहम सुधार किए थे और सपा सरकार ने प्रदेश के लिए एक मॉडल पेश किया था।
सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) तबके के लोग अब देख रहे हैं कि किस तरह से आरक्षण पर डाका डाला जा रहा है और संविधानिक मूल्यों को किनारे किया जा रहा है।