Home » उत्तर प्रदेश » योगी सरकार की ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ योजना से पर्यावरण संरक्षण और किसानों की आय में वृद्धि

योगी सरकार की ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ योजना से पर्यावरण संरक्षण और किसानों की आय में वृद्धि

Facebook
X
WhatsApp
Telegram
186 Views
लखनऊ: योगी सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं पर काबू पाने और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए एक अभिनव पहल की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ योजना को 28 अक्टूबर से प्रदेश में लागू किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पराली जलाने की घटनाओं को रोकना और किसानों को जैविक खाद उपलब्ध कराना है, जिससे वे अपनी फसल की गुणवत्ता बढ़ा सकें और पर्यावरण को भी नुकसान से बचाया जा सके।
हर साल फसलों की कटाई के बाद पराली जलाने की समस्या बढ़ जाती है, जो वायु प्रदूषण को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। इसे ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ योजना शुरू की। इस अभियान के तहत किसानों को पराली के बदले गोवंश खाद वितरित की जाती है। इस अभियान में अब तक प्रदेशभर में 2,90,208.16 कुंतल पराली एकत्रित की गई है और इसके बदले 1,55,380.25 कुंतल गोवंश खाद किसानों को दी गई है।
योजना के तहत गोवंश खाद का उपयोग जैविक खेती और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में किया जा रहा है। इस खाद से किसान अपनी कृषि भूमि की गुणवत्ता को सुधार सकते हैं और रासायनिक खादों के उपयोग में कमी आ रही है। इसके साथ ही, यह प्राकृतिक खाद पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है।
अभियान के दौरान कई जनपदों ने बेहतरीन कार्य किया है। इनमें वाराणसी, बांदा, बदायूं, जालौन, बरेली, अमेठी, सिद्धार्थनगर और बहराइच शामिल हैं। इन जनपदों में किसानों ने बड़े पैमाने पर पराली एकत्रित की और गोवंश खाद का लाभ उठाया। इसके साथ ही, गो-आश्रय स्थलों में एकत्रित गोवंश खाद को किसानों तक पहुंचाया गया, जिससे पशुपालन विभाग की सक्रियता भी दिखी।
योगी सरकार की यह पहल सिर्फ अस्थायी समाधान नहीं है, बल्कि यह एक स्थायी और पारदर्शी सोच को दर्शाता है। इस योजना से जहां जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं किसानों की उत्पादन लागत भी घट रही है। साथ ही, यह पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि पराली जलाने की घटनाओं को नियंत्रित किया जा रहा है।
‘पराली के बदले गोवंश खाद’ अभियान ने प्रदेश में हरित क्रांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। योगी सरकार की इस पहल से किसानों को न केवल जैविक खेती को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, बल्कि उन्हें पारंपरिक खेती के तरीकों को अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना से न केवल पर्यावरण की रक्षा हो रही है, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि हो रही है, और प्रदेश में कृषि क्षेत्र में एक नया उत्साह देखने को मिल रहा है।
इस प्रकार, योगी सरकार का ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ अभियान किसानों, पर्यावरण और समाज के लिए एक सकारात्मक और सशक्त कदम है। यह योजना उत्तर प्रदेश में कृषि, पर्यावरण और किसान कल्याण के लिए एक मॉडल के रूप में उभरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *