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कड़ाके की सर्दी में अब कोई भी व्यक्ति खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर नहीं होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पूरे प्रदेश में रैन बसेरों और आश्रय स्थलों की सुविधाओं को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य ठंड के प्रकोप से हर जरूरतमंद को बचाना और उन्हें सुरक्षित व गरिमामय आश्रय प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि रैन बसेरों का संचालन पूरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि कोई भी व्यक्ति खुले आसमान, डिवाइडर, सड़क की पटरी या पार्कों में सोने को मजबूर न हो। उनका कहना है कि सर्दी के मौसम में किसी भी जरूरतमंद को खुले में सोने की कोई आवश्यकता नहीं होनी चाहिए, और इसके लिए सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह से सुदृढ़ की जाएं।
प्रदेश भर में अब तक 1240 रैन बसेरों और आश्रय स्थलों को विकसित किया गया है, जहां ठंड से बचने के लिए सभी आवश्यक संसाधन मौजूद हैं। इन रैन बसेरों में रात्रि में आश्रय लेने वालों के लिए कंबल, गर्म पानी, स्वच्छता और अलाव की व्यवस्था की गई है। अब तक तीन लाख से अधिक कंबल वितरित किए जा चुके हैं, और मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि जरूरतमंदों तक कंबल पहुंचाने में कोई भी कोताही न बरती जाए।
रैन बसेरों में महिलाओं की सुरक्षा और उनकी आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखा गया है। महिलाओं के लिए अलग से स्थान, पर्याप्त रोशनी, स्वच्छता और गरम कपड़ों की व्यवस्था की गई है। यह सुनिश्चित किया गया है कि महिलाएं रैन बसेरों में सुरक्षित महसूस करें और उनकी सभी आवश्यकताओं का ख्याल रखा जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि रैन बसेरों और अलाव की स्थिति की तकनीकी मॉनिटरिंग की जाए। राहत आयुक्त कार्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम से रैन बसेरों, अलाव और कंबल वितरण की स्थिति पर सीधे संवाद किया जा रहा है। कंट्रोल रूम से प्राप्त फीडबैक के आधार पर कमियों को तुरंत दूर करने का आदेश दिया गया है।
योगी सरकार ने रैन बसेरों की जानकारी आम जन तक पहुंचाने के लिए नगर निगम को विशेष निर्देश दिए हैं। प्रत्येक जोन में रैन बसेरों की विस्तृत सूची प्रदर्शित की जा रही है। इसके अलावा, बस अड्डों और प्रमुख स्थलों पर लगे डिजिटल स्क्रीन पर भी रैन बसेरों की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे लोग आसानी से निकटतम रैन बसेरों के बारे में जान सकेंगे।
प्रदेशभर के जिलाधिकारियों को रैन बसेरों और अलाव की व्यवस्था का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है कि रैन बसेरों में स्वच्छता और गरिमामय माहौल बना रहे। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि रैन बसेरों पर जाकर जरूरतमंदों से बातचीत करें और उनके अनुभवों के आधार पर सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।
स्थान-स्थान पर जलाए जा रहे अलाव की स्थिति पर निगरानी के लिए तकनीकी सहायता का उपयोग किया जा रहा है। इससे यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अलाव की स्थिति बेहतर रहे और लोगों को गर्मी प्रदान की जा सके।