उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नए साल के मौके पर प्रदेश के करीब 50,000 शिक्षामित्रों को एक बड़ी राहत दी है। अब ये शिक्षामित्र अपने मूल विद्यालय या समीप के स्कूल में तबादला करवा सकेंगे। इस निर्णय से शिक्षामित्रों की पुरानी मांग पूरी हो गई है, जो लंबे समय से अपने तबादले की प्रतीक्षा कर रहे थे।
शुक्रवार को जारी शासनादेश के अनुसार, पुरुष शिक्षामित्र और अविवाहित महिला शिक्षामित्र अपने वर्तमान विद्यालय में तैनात रहने या फिर अपने मूल विद्यालय में स्थानांतरण के लिए विकल्प चुन सकते हैं। यदि मूल विद्यालय में कोई पद रिक्त नहीं है, तो वे पास के किसी अन्य विद्यालय में पदस्थापित हो सकते हैं। वहीं, विवाहित महिला शिक्षामित्र अपने पति के निवास स्थान के आधार पर स्थानांतरण का विकल्प चुन सकती हैं।
गौरतलब है कि यदि कोई शिक्षामित्र अपने कार्यरत विद्यालय में ही तैनात रहना चाहता है, तो उनके आवेदन पर किसी प्रकार की कार्यवाही की आवश्यकता नहीं होगी। इसके साथ ही, स्थानांतरण प्रक्रिया का कार्य जिला स्तरीय गठित समिति द्वारा ऑनलाइन तरीके से किया जाएगा। शिक्षामित्रों का स्थानांतरण, समायोजन और आवेदन का सत्यापन राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) द्वारा विकसित साफ्टवेयर पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थित विद्यालयों में शिक्षामित्रों के स्थानांतरण के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। जहां पर एक या दो शिक्षामित्र कार्यरत हैं, वहां रिक्तियों की पहचान कर अतिरिक्त शिक्षामित्र की तैनाती की जाएगी।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह आदेश पुरुष और महिला शिक्षामित्रों दोनों के लिए फायदेमंद होगा। बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने इसे योगी सरकार का शिक्षामित्रों के लिए नया साल का तोहफा बताया। वहीं, शिक्षा मित्रों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए संघ के अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने सरकार से और कदम उठाने की उम्मीद जताई है।
इस नए आदेश से शिक्षामित्रों को न केवल राहत मिलेगी, बल्कि उनकी कार्य स्थिति में भी सुधार होगा, जो लंबे समय से इस इंतजार में थे कि उन्हें अपने परिवार के पास कार्य करने का अवसर मिलेगा।