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गाजियाबाद में महिलाओं की सुरक्षा पर विवाद: भाजपा की जिला महामंत्री के साथ छेड़छाड़

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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। हाल ही में भाजपा की जिला महामंत्री सरिता चौधरी के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया है। इस मामले में लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा है।

लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं के खिलाफ छेड़छाड़ की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इस घटना को लेकर उन्होंने सख्त नाराजगी जताई और आरोप लगाया कि पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। उनका कहना था कि जिले के बड़े अधिकारियों के दबाव में पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया और उल्टा महिला के पति के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया गया।

विधायक ने यह भी कहा कि जब महिला और उनके परिवार के सदस्य खुद पुलिस से न्याय की उम्मीद लेकर पहुंचे, तो उन्हें उल्टा आरोपी बना दिया गया। “महिलाओं की सुरक्षा के लिए हम हर स्तर पर आवाज उठाएंगे। पुलिस की लापरवाही और सत्ताधारी तंत्र के दबाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,” नंदकिशोर गुर्जर ने कहा।

भाजपा की जिला महामंत्री सरिता चौधरी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वह अपने घर के दरवाजे पर खड़ी थीं, तभी अचानक तीन-चार युवकों ने उन्हें और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को छेड़ा। “यह घटना उस समय हुई जब मेरी ननद हमारे पड़ोसन से बात कर रही थी। गुंडों ने हमसे छेड़छाड़ की, जब मैंने चिल्लाया तो मेरी ननद दौड़कर आई और वे गुंडे उसे धक्का देकर गिरा दिए। इस दौरान एक लड़के ने मेरी ननद के कान का कुंडल भी खींच लिया,” सरिता चौधरी ने बताया।

उन्होंने आगे बताया, “जब मेरे पति ने उनका पीछा किया तो उन युवकों ने हमारे पति को घेर लिया और मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने हमारे पति पर जानलेवा हमला किया। हमारे पति खून से लथपथ घर लौटे। हम पुलिस के पास गए, लेकिन उनका व्यवहार बहुत ही गलत था। पुलिस ने इसे एक और झगड़े से जोड़ने का प्रयास किया और हमारे साथ अभद्रता की। अंत में, हमारे ही ऊपर केस दर्ज कर दिया गया।”

सरिता चौधरी ने कहा कि पुलिस की ओर से किए गए अत्याचार के खिलाफ उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है। “हमारे साथ जो हुआ, वह बहुत ही अन्यायपूर्ण है। मेरे पति के खिलाफ जो मुकदमा दर्ज किया गया है, वह तुरंत हटाया जाना चाहिए। मैं मुख्यमंत्री से अपील करती हूं कि हमें न्याय मिले और दोषियों को सजा दी जाए।”

गाजियाबाद पुलिस ने मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि घटना की जांच जारी है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद दोनों पक्षों से बयान लिए गए हैं और मामले की पूरी जांच की जा रही है। हालांकि, पुलिस के खिलाफ आरोप लगते हुए कई सवाल उठ रहे हैं, जिनका जवाब अभी तक नहीं दिया गया है।

गाजियाबाद में यह घटना महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। स्थानीय नेताओं और नागरिकों का कहना है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाली ऐसी घटनाओं पर सख्ती से कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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