नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर भारत सरकार ने 7 दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है। गुरुवार को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में उनका निधन हो गया था, जिसके बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। उनके योगदान और सादगी को याद करते हुए भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है कि देशभर में सात दिनों तक राजकीय शोक मनाया जाएगा।
राजकीय शोक का ऐलान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं जाहिर कीं। इसके अलावा, विपक्षी नेताओं और राजनीतिक दलों ने भी डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरी शोक व्यक्त की। सरकार द्वारा घोषित राजकीय शोक के दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे और सभी सरकारी आयोजनों में शोक की भावना का पालन किया जाएगा।
मनमोहन सिंह की शख्सियत और योगदान
मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वह एक अर्थशास्त्री के तौर पर देश में कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान देश को वैश्विक मंच पर मजबूत किया और भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी। उनकी सादगी, ईमानदारी और कुशल नेतृत्व की वजह से वे हमेशा लोगों के दिलों में बसी रहे। उनकी मृत्यु के बाद उनके योगदानों को याद किया जा रहा है, और देश के हर कोने से श्रद्धांजलि दी जा रही है।
श्रद्धांजलि का सिलसिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत को आर्थिक सुधारों और वैश्विक मंच पर गौरवमयी स्थान दिलवाने के लिए काम किया। उनका निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।” वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने भी उनके निधन पर गहरी शोक व्यक्त की और कहा कि डॉ. सिंह का योगदान भारतीय राजनीति और समाज में हमेशा याद रखा जाएगा।
अगले सात दिनों तक शोक
सरकार की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के उपलक्ष्य में सात दिनों तक शोक मनाया जाएगा। इस दौरान कोई भी आधिकारिक उत्सव या कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे। सभी सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों को शोक के समय में उपयुक्त सम्मान दिखाने के निर्देश दिए गए हैं।