नई दिल्ली। दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने सोमवार को दिल्ली सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया। भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद अनुराग ठाकुर ने इस आरोप पत्र के माध्यम से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (AAP) पर कई गंभीर आरोप लगाए।
आरोप पत्र में पार्टी ने दिल्ली की सफाई व्यवस्था, प्रदूषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों पर केजरीवाल सरकार को घेरा है। भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने यमुना नदी को लेकर केजरीवाल के 2022 में किए गए वादे का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि 2025 के चुनाव से पहले यमुना को साफ कर देंगे, लेकिन 10 साल बाद भी यमुना की स्थिति बद से बदतर हो गई है। ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि यमुना नदी अब इतनी गंदी, बदबूदार और जहरीली हो गई है कि इसके आसपास रहना तक मुश्किल हो गया है।
इसके अलावा, भाजपा के दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल पर शराब घोटाले और दिल्ली दंगों में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली दंगों के दौरान एक आरोपी ताहिर हुसैन को बचाया था, जो आम आदमी पार्टी का पार्षद था।
भा.ज.पा. के नेता विजेंद्र गुप्ता, जिन्होंने इस आरोप पत्र की समिति की अध्यक्षता की, ने भी आरोप पत्र के माध्यम से दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की स्थिति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के शासन में 1.5 लाख छात्रों को जानबूझकर फेल किया गया, ताकि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के रिकॉर्ड को बेहतर दिखाया जा सके। इसके अलावा, पार्टी ने आरोप लगाया कि दिल्ली के लोगों को राशन कार्ड नहीं मिला और आयुष्मान योजना भी लागू नहीं की गई।
भा.ज.पा. के आरोप पत्र में दिल्ली में प्रदूषण के कारण लोगों के जीवन में 17 साल तक की कमी का भी उल्लेख किया गया। इसके साथ ही, भाजपा ने कहा कि दिल्ली में बारिश के पानी के कारण सड़कों पर जलभराव हुआ और कई छात्रों की मौत हुई।
इस आरोप पत्र को अब दिल्ली की सभी विधानसभा सीटों पर पहुंचाया जाएगा, ताकि दिल्ली के लोग जान सकें कि केजरीवाल सरकार ने पिछले दस सालों में दिल्ली के विकास के नाम पर क्या किया। भाजपा का कहना है कि यह आरोप पत्र दिल्ली के हर घर तक पहुंचेगा और जनता को सचाई से अवगत कराएगा।
भा.ज.पा. ने आरोप पत्र में यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी पर देशविरोधी ताकतों से आर्थिक लाभ लेने का आरोप भी लगाया गया है। इसके अलावा, दिल्ली सरकार पर महंगे टैक्स लगाने और जनता की महंगाई बढ़ाने का भी आरोप लगाया गया है।
राजनीतिक गलियारों में यह आरोप पत्र एक बड़े मुद्दे के रूप में सामने आ रहा है, जो आगामी विधानसभा चुनावों के लिए और भी ज्यादा चुनावी तापमान बढ़ा सकता है।