उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय ने राज्य में हो रही पुलिस मुठभेड़ों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। पांडेय ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि यूपी में होने वाली मुठभेड़ें कभी भी आमने-सामने की नहीं होतीं। उनका कहना था कि इन मुठभेड़ों में पुलिसकर्मी कभी भी घायल नहीं होते, जबकि हमेशा अपराधियों को गोली मारकर घायल किया जाता है।
माता प्रसाद पांडेय ने राज्य में बढ़ती मुठभेड़ों को लेकर अपनी चिंता जताते हुए पूछा कि यूपी में सिर्फ वह मुठभेड़ें क्यों होती हैं, जिनमें अपराधियों के पैर तोड़े जाते हैं और गोली मारने के बाद कोई भी गंभीर स्थिति उत्पन्न नहीं होती? पांडेय का यह सवाल राज्य सरकार की मुठभेड़ों पर उठाए गए सवालों को फिर से ताजे कर देता है और यह राजनीति में एक नया मोड़ ले सकता है।
पांडेय के आरोपों के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार पर मुठभेड़ों की पारदर्शिता और इन घटनाओं के वास्तविकता पर सवाल उठने लगे हैं। विपक्षी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि इन मुठभेड़ों के पीछे राजनीतिक उद्देश्य हो सकते हैं, जो आम जनता को डराने और विपक्षी नेताओं को कमजोर करने के लिए हो रहे हैं।
इस मुद्दे पर सरकार का कहना है कि मुठभेड़े अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का हिस्सा हैं, लेकिन पांडेय के सवाल यह साबित करते हैं कि इन मुठभेड़ों पर अब और अधिक विचार विमर्श की आवश्यकता है।