कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की संदिग्ध मौत के मामले में जांच तेज कर दी गई है। बृहस्पतिवार सुबह पुलिस की एक टीम कांग्रेस कार्यालय पहुंची, जहां डीसीपी मध्य रवीना त्यागी के नेतृत्व में जांच की शुरुआत हुई। डीसीपी रवीना त्यागी ने बताया कि कांग्रेस दफ्तर के केयरटेकर के बयान दर्ज किए जाएंगे और यहां लगे सीसीटीवी कैमरों का फुटेज जब्त किया जाएगा। इसके साथ ही प्रदर्शन का आह्वान करने वालों और इसमें शामिल लोगों से भी पूछताछ की जाएगी। सभी के बयान लिए जाएंगे, जिससे मामले की सही तस्वीर सामने आ सके।
इसके पहले, बुधवार देर रात फोरेंसिक टीम भी कांग्रेस कार्यालय पहुंची और वहां से साक्ष्य संकलित किए। फोरेंसिक टीम ने प्रभात पांडेय के मोबाइल फोन को भी फोरेंसिक जांच के लिए भेजने की योजना बनाई है। इसके अलावा यह पता लगाया जाएगा कि प्रभात के साथ कौन लोग गोरखपुर से आए थे और प्रदर्शन के दौरान उनके साथ कौन लोग मौजूद थे। साक्ष्य संकलन के आधार पर मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रभात पांडेय की मौत के मामले में उनके चाचा, मनीष ने हुसैनगंज थाने में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज कराई है। मनीष के मुताबिक, प्रभात एमिटी यूनिवर्सिटी के पास पीजी में रहते थे और बुधवार शाम 4:15 बजे उन्हें कांग्रेस दफ्तर से फोन आया। फोन में बताया गया कि उनका भतीजा प्रभात दफ्तर में दो घंटे से बेहोश पड़ा हुआ है। मनीष ने तुरंत अपने परिचित संदीप को दफ्तर भेजा।
मनीष के अनुसार, संदीप ने उन्हें फोन पर जानकारी दी कि प्रभात के हाथ-पैर ठंडे हो गए थे। संदीप के दबाव बनाने पर कांग्रेस दफ्तर के कुछ लोग प्रभात को एक इनोवा गाड़ी से सिविल अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने प्रभात को मृत घोषित कर दिया। मनीष का कहना है कि प्रभात प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे और उन्हें कोई पुरानी बीमारी भी नहीं थी। मनीष को यह जानकारी नहीं है कि प्रभात कांग्रेस दफ्तर कैसे पहुंचे, और उनका आरोप है कि ऐसा लगता है कि प्रभात के साथ कुछ अनहोनी हुई है, और अज्ञात कारणों से उनकी हत्या की गई है।
डीसीपी रवीना त्यागी के मुताबिक, प्रथमदृष्टया डॉक्टरों ने प्रभात के शरीर पर किसी प्रकार की जाहिरा चोट नहीं पाई है। शव का पोस्टमार्टम वीडियोग्राफी के साथ पैनल के जरिए किया जाएगा और इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।