संभल: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा में दिये गए बयान के बाद संभल में 46 साल पहले हुए दंगों की जांच फिर से शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि संभल में 1947 से लेकर अब तक 209 हिंदू दंगों में मारे गए हैं, जिनमें 1978 का दंगा प्रमुख था। इस दंगे में हुई जानमाल की हानि और साम्प्रदायिक तनाव को लेकर अब प्रशासन ने सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है।
कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने संभल जिले के अधिकारियों से 1978 के दंगे से जुड़ी फाइलें तलब की हैं। इसके साथ ही अधिकारियों से अब तक की प्रगति रिपोर्ट भी मांगी गई है। कमिश्नर ने यह भी कहा कि इस मामले में अब यह देखा जाएगा कि दंगे की जांच में कितनी चूक हुई, गवाहों को कितनी बार अदालत में पेश किया गया, वारंट की स्थिति क्या रही, और साक्ष्य जुटाने में किस प्रकार की लापरवाही बरती गई।
1978 का संभल दंगा: 29 मार्च 1978 को संभल में भयंकर सांप्रदायिक दंगा हुआ था, जिसमें कई लोग मारे गए थे। दंगे के कारण शहर में आगजनी, लूटपाट और पथराव की घटनाएं हुईं थीं। दंगे के बाद प्रशासन ने कर्फ्यू लगाया, लेकिन दो महीने तक शहर में तनाव का माहौल बना रहा।
उस समय के घटनाक्रम के अनुसार, मस्जिद के इमाम की हत्या के बाद मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया। इसके बाद एक राजनीतिक नेता ने दुकानों को बंद करने की मांग की, जिसका विरोध हिंदू व्यापारियों ने किया। विरोध के दौरान मारपीट हुई, और इसके बाद अफवाह फैलाई गई कि नेता की हत्या कर दी गई है। इससे दंगे भड़क उठे।
संभल में मारे गए लोग और मंदिरों का बंद होना: दंगे के दौरान भय के कारण 40 हिंदू रस्तोगी परिवारों को अपने घरों को छोड़कर भागना पड़ा था। मंदिरों में पूजा के लिए कोई नहीं बचा था, और कई मंदिरों के पट बंद हो गए थे। मुख्यमंत्री के वक्तव्य के बाद, प्रशासन ने इन मंदिरों के पट खोलने की दिशा में कदम उठाए हैं।
इस दंगे के बाद करीब 169 मुकदमे दर्ज हुए थे, जिनमें से तीन एफआईआर पुलिस ने दर्ज कराई थीं। इस घटना के बाद से संभल में साम्प्रदायिक तनाव और दहशत का माहौल बना रहा।
संभल में दंगों का इतिहास: आजादी के बाद, संभल 16 बार दंगों की चपेट में आ चुका है। इनमें से कई दंगे सांप्रदायिक थे, जिनमें हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव बढ़ा। 1978 का दंगा इस शहर का सबसे भयंकर दंगा था, जिसके बाद बहुत से लोग अपने घरों को बेचकर सुरक्षित इलाकों में चले गए थे।
अब, 46 साल बाद, इस दंगे की फाइलें फिर से खुलने जा रही हैं, और प्रशासन इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की दिशा में आगे बढ़ने की योजना बना रहा है।