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UP Breaking News: हंगामेदार रह सकते हैं विधानसभा का शीतकालीन सत्र, राम मंदिर में नए पुजारियों की ड्यूटी शुरू

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उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। चार दिन चलने वाले इस सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, जिनमें अनुपूरक बजट पास कराना प्रमुख है। सत्र के पहले दिन ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक देखने को मिल सकती है। संभल हिंसा, बिजली व्यवस्था के निजीकरण और कानून-व्यवस्था जैसे विवादास्पद मुद्दों पर दोनों पक्ष आमने-सामने होंगे, जिससे सदन में भारी हंगामे की आशंका जताई जा रही है।

इस बार के शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा, जिसे सरकार द्वारा पास कराया जाएगा। हालांकि, इस सत्र में सबसे ज्यादा सांप्रदायिक तनाव और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों को लेकर हंगामा होने की संभावना है।

सपा (समाजवादी पार्टी) ने संभल हिंसा के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की योजना बनाई है। इसके अलावा, बिजली व्यवस्था के निजीकरण और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हो सकती है।

नेता प्रतिपक्ष और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पहले ही यह संकेत दे चुके हैं कि वे संभल हिंसा को प्रमुखता से उठाएंगे, जहां हाल ही में सांप्रदायिक तनाव के कारण कई मुद्दे सामने आए थे। इसके अलावा, बिजली के निजीकरण और कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सपा सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेगी।

उधर, राम मंदिर के पुजारियों को लेकर भी एक अहम खबर सामने आई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा सोमवार से राम मंदिर में नये पुजारियों की ड्यूटी शुरू कर दी जाएगी। राम मंदिर के वरिष्ठ सहायक पुजारियों और नए पुजारियों की एक संयुक्त बैठक हुई, जिसमें उन्हें अपनी ड्यूटी के निर्धारित शेड्यूल की जानकारी दी गई।

यह भी जानकारी दी गई कि पुजारियों की ड्यूटी में हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के हिसाब से परिवर्तन होगा। राम मंदिर के संचालन और पूजा व्यवस्था में यह बदलाव एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा सुचारू रूप से लागू किया जाएगा।

इस शीतकालीन सत्र के दौरान जहां प्रदेश की राजनीति में संभल हिंसा, बिजली निजीकरण और कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठेंगे, वहीं राम मंदिर से जुड़ी धार्मिक गतिविधियां भी सुर्खियों में रहेंगी। राम मंदिर के पुजारियों की ड्यूटी और अन्य संबंधित व्यवस्थाएं, विशेष रूप से तीर्थ क्षेत्र के प्रबंधन में आने वाले बदलावों के बारे में चर्चा जारी रहेगी।

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