गाजियाबाद में जिला जज की कोर्ट में वकीलों और जज के बीच हुई नोकझोंक के बाद स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई। इस विवाद ने इतना बड़ा मोड़ ले लिया कि अंततः पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप वकीलों ने कचहरी चौकी में तोड़फोड़ करते हुए आग लगा दी। इस घटना का वीडियो भी वायरल हो गया है, जिसने पूरे मामले को और गरमा दिया है।
पुलिस ने बताया कि कोर्ट में हुई इस घटनाक्रम के बाद पूर्व बार अध्यक्ष नाहर सिंह यादव सहित 50 अज्ञात वकीलों के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इन वकीलों पर तोड़फोड़, पथराव, सरकारी कार्य में बाधा डालने और आगजनी जैसे संगीन आरोप लगाए गए हैं।
इस बीच, वकीलों ने पुलिस के लाठीचार्ज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वकील आज हड़ताल पर हैं। कोर्ट में हुए बवाल के बाद बार काउंसिल ऑफ यूपी ने प्रयागराज में एक आपात बैठक बुलाई है। गुस्साए वकील जिला जज के ट्रांसफर और लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
बार काउंसिल के अध्यक्ष शिवकुमार गौड़ ने गाजियाबाद में इस घटना का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में रोहिताश्व अग्रवाल, मधुसूदन त्रिपाठी, अरुण त्रिपाठी, अजय यादव और प्रशांत सिंह अटल शामिल हैं। कमेटी को पूरी जांच के बाद अपनी रिपोर्ट बार काउंसिल में पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।
वकीलों के लाठीचार्ज के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए अध्यक्ष ने कहा कि यदि दोषी पुलिस-प्रशासनिक या न्यायिक अधिकारी हों, तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इसी संबंध में आज शाम 4 बजे प्रयागराज में आपात बैठक बुलाई गई है।
गाजियाबाद के जिला जज को सस्पेंड करने और घायलों के इलाज के लिए दो-दो लाख रुपए की मदद देने की मांग भी की गई है।
जानकारी के अनुसार, मामला तब शुरू हुआ जब कविनगर थाने में एक केस के 9 आरोपियों की जमानत पर सुनवाई होनी थी। इस सिलसिले में 29 अक्टूबर को गाजियाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव जिला जज अनिल कुमार की कोर्ट में पहुंचे। यहां सुनवाई के दौरान जज और वकीलों के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि गाली-गलौज तक पहुंच गई।
इस विवाद के बाद जिला जज अपने कक्ष में चले गए, लेकिन वकील कोर्ट में ही बने रहे। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस को बुलाने की नौबत आई। पुलिस ने वकीलों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद पुलिस और वकीलों के बीच बहस होने लगी, और अंततः पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कई वकील घायल हुए।
बवाल के दौरान वकीलों ने कचहरी चौकी में उत्पात मचाया, कोर्ट की खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए और पुलिस चौकी के अंदर आग लगा दी। यह पूरी घटना लगभग 3 घंटे तक चली।