बुलंदशहर: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को बुलंदशहर में आयोजित महापंचायत में किसानों के विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे। उन्होंने विशेष रूप से पंजाब में हो रहे प्रदर्शनों और पराली जलाने के मामले को लेकर गंभीर चिंता जताई।
टिकैत ने कहा, “पराली की समस्या को हल करने के लिए भारत सरकार को तकनीक का उपयोग करते हुए यह बताना चाहिए कि बिना पराली के धान कैसे पैदा किया जा सकता है। यदि स्थिति यही रही, तो सरकार को धान की खेती पर भी बैन लगा देना चाहिए।” उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पराली का निस्तारण सरकार की जिम्मेदारी है और यदि सरकार किसानों की बात नहीं सुनती, तो सड़क पर उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता।
उन्होंने आगे कहा, “सड़क पर उतरने से हमारी आवाज सरकार तक जल्दी पहुँचती है। पंजाब में किसानों के आंदोलन के पीछे एक बड़ी साजिश है, जिसमें राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार का भी हाथ है।” टिकैत ने बताया कि पंजाब में धान की खरीद में भी भारी रुकावट आ रही है, जो एक बड़ा सवाल है।
उपेंद्र यादव के सवाल पर टिकैत ने उत्तर प्रदेश में गन्ना समिति के चुनावों का उदाहरण देते हुए कहा कि आगामी चुनाव भी इसी तरह से होंगे। “जैसे कोरिया में पर्चा भरा जाता है और चुनाव संपन्न होते हैं, भारत में भी यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
राकेश टिकैत के इस बयान ने किसानों के मुद्दों को एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है और यह स्पष्ट किया है कि भाकियू आगामी समय में भी संघर्ष जारी रखेगी।