उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को महापर्व शारदीय नवरात्र की महानवमी और विजयादशमी की बधाई देते हुए नारी की गरिमा और सम्मान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिस समाज में नारी की पूजा होती है, वह समाज खुद ही समर्थ और शक्तिमान होता है।
मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ मंदिर में शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि के अवसर पर कन्या पूजन किया। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि शारदीय और वासंतिक नवरात्र का पर्व न केवल शक्ति की आराधना है, बल्कि यह नारी के सम्मान का प्रतीक भी है। उन्होंने इस अवसर पर मां सिद्धिदात्री के स्वरूप की पूजा का महत्व बताया और कहा कि गोरक्षपीठ की परंपरा के अनुसार उन्हें कन्या पूजन का सुअवसर मिला है।
मुख्यमंत्री ने नवरात्र पर्व को आधी आबादी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का माध्यम बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी के प्रति आदर और सम्मान की परंपरा रही है। उन्होंने उद्धृत किया, “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता।” इसका अर्थ है कि जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास होता है।
उन्होंने यह भी कहा कि जब नारी को सम्मान और सामर्थ्य दिया जाएगा, तो समाज में खुशहाली आएगी। इससे न केवल महिलाओं की गरिमा बढ़ेगी, बल्कि यह समाज के हर वर्ग के लिए लाभकारी साबित होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजयादशमी के पावन पर्व की भी चर्चा की, जो भगवान श्रीराम द्वारा रावण पर विजय का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह पर्व यह संदेश देता है कि जहां शक्ति की साधना होती है, वहां सिद्धि का वरण अवश्य होता है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि विजयादशमी के अवसर पर रावण के पुतले का दहन कर अन्याय और अत्याचार के प्रतीक को समाप्त करने का संकल्प लें।
सीएम योगी ने नवरात्र और विजयादशमी के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों के मंगलमय जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें न केवल आध्यात्मिक बल प्रदान करता है, बल्कि हमें समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की प्रेरणा भी देता है।