योगी सरकार ने ‘मिशन शक्ति’ के तहत कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में अध्ययनरत बालिकाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। शैक्षिक रूप से पिछड़े इलाकों से आने वाली अपवंचित वर्ग की 76,000 से अधिक बालिकाओं को तीन दिवसीय आवासीय गाइड प्रशिक्षण (3 से 10 अक्टूबर) के माध्यम से सशक्त किया गया है।
प्रदेश के 746 केजीबीवी में पंजीकृत 2,238 गाइड यूनिट्स के माध्यम से इस प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। प्रत्येक केजीबीवी में तीन गाइड यूनिट्स स्थापित की गईं, जिनमें से प्रत्येक यूनिट में 32 बालिकाओं को प्रशिक्षित किया गया। यह कार्यक्रम न केवल बालिकाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाएगा, बल्कि उनके भविष्य के लिए अनेक अवसर भी खोलेगा।
इस प्रशिक्षण का एक प्रमुख लाभ यह है कि प्रशिक्षित बालिकाओं को बीएड और डीएलएड में नंबर का भारांक मिलेगा। इसके अलावा, सड़क परिवहन एवं रेलवे की स्काउट/गाइडिंग की भर्ती में भी इन्हें वरीयता मिलेगी, जिससे उनके रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा, “यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बालिकाओं को शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में बेहतर अवसर प्रदान करेगा।”
गाइड प्रशिक्षण के दौरान बालिकाओं को स्काउटिंग/गाइडिंग के नियम, प्रतिज्ञा, सिद्धांत और प्राथमिक चिकित्सा के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्हें गांठें बांधने, प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स का उपयोग करने और अन्य महत्वपूर्ण तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया। शिविर के दौरान आयोजित कैंप फायर में बालिकाओं ने खुले में भोजन बनाने और विपदाओं के समय जीवन यापन के तरीकों को भी सीखा।
यह प्रशिक्षण बालिकाओं के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, और आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करेगा। इसके माध्यम से वे न केवल आत्मनिर्भर बनेंगी, बल्कि समाज में अपनी पहचान बनाने में भी सक्षम होंगी। योगी सरकार की इस पहल से बालिकाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम होंगी।
केजीबीवी बालिकाओं को प्रशिक्षित करने की तैयारी पहले से ही की जा चुकी थी। जून माह में आयोजित सात दिवसीय आवासीय शिविर में प्रत्येक मंडल की चयनित शिक्षिकाओं को गाइड कैप्टन के रूप में प्रशिक्षित किया गया था। इस प्रकार, योगी सरकार ने बालिकाओं के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल हो सके।