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योगी सरकार का ‘ई-कोर्ट प्रणाली’ के जरिए औद्योगिक वादों का प्रभावी निस्तारण

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार औद्योगिक परिवेश को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। इस क्रम में, औद्योगिक वादों के निस्तारण के लिए ‘ई-कोर्ट प्रणाली’ को सुदृढ़ करने की दिशा में सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुसार, औद्योगिक न्यायाधिकरण में ई-कोर्ट प्लेटफॉर्म का विकास किया जाएगा, जो औद्योगिक विवादों के प्रबंधन के लिए एक व्यापक डिजिटल समाधान प्रदान करेगा।

इस प्रणाली का निर्माण और विकास कार्य श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड को सौंपा गया है। ई-कोर्ट प्लेटफॉर्म का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक विवाद से संबंधित मामलों को दर्ज करने के लिए सभी पक्षों के लिए एक सहज इंटरफेस विकसित करना है। यह प्लेटफॉर्म पक्षों को उनके इनपुट और दस्तावेज अपलोड करने की अनुमति देगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि उनकी प्रस्तुतियां कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।

इस प्रणाली की विशेषता यह है कि यह स्वचालित रूप से प्रस्तुतियों को मान्य करेगी और एक यूनिक केस नंबर उत्पन्न करेगी, जो आवेदकों को यह पुष्टि देगा कि उनका मामला समीक्षाधीन है। इस प्रणाली के माध्यम से सभी प्राप्त वादों का प्रभावी प्रबंधन संभव होगा, जिसमें स्वीकृति से लेकर समाधान तक ट्रैकिंग की सुविधा होगी।

ई-कोर्ट प्लेटफॉर्म न्यायालय के कर्मचारियों के लिए मामलों की समीक्षा और सत्यापन के लिए उपकरण भी उपलब्ध कराएगा। वादों को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जाएगा, जैसे कि वेतन विवाद, गलत तरीके से बर्खास्तगी आदि, ताकि प्रसंस्करण और असाइनमेंट को सुव्यवस्थित किया जा सके।

प्लेटफॉर्म में सुनवाई के लिए तारीख और समय निर्धारित करने के लिए एक शेड्यूलिंग सिस्टम होगा, जो न्यायालय के संसाधनों और पक्षकारों की उपलब्धता को समायोजित करेगा। इसके साथ ही, यह अधिकारियों या न्यायालयों के बीच केस के हस्तांतरण का भी समर्थन करेगा।

ई-कोर्ट प्लेटफॉर्म केवल सूचनाओं की डिलीवरी ही नहीं, बल्कि ट्रैकिंग सिस्टम से भी लैस होगा। यह इलेक्ट्रॉनिक सूचनाओं और भौतिक मेल सहित विभिन्न डिलीवरी विधियों का समर्थन करेगा और जारी किए गए दस्तावेजों की स्थिति को ट्रैक करेगा।

सुरक्षा के लिहाज से, प्लेटफॉर्म संवेदनशील जानकारियों की रक्षा करेगा और सभी कानूनी मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, उपयोगकर्ताओं को सहायता प्रदान करने के लिए हेल्प डेस्क की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

प्लेटफॉर्म को कार्यात्मक और उभरती जरूरतों के प्रति उत्तरदायी बनाए रखने के लिए नियमित रखरखाव और अपडेट किए जाएंगे। यह चार फेज में वाद निस्तारण संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराने में सक्षम होगा और कोर्ट ऑर्डर व नोटिस को जारी करने के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों पर प्राथमिकता से कार्य करेगा।

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