नगर की प्राचीन और हिंदुओं की आस्था से जुड़ी बूढ़े बाबू की पोखर अब भू-माफियाओं के कब्जे से मुक्त होने जा रही है। इस पोखर के संबंध में नगर के संभ्रांत लोगों, जैसे मनोज कुमार पुत्र स्वर्गीय डोरीलाल और प्रजापति समाज ने जबरदस्त विरोध किया था, लेकिन पहले दंबगों के आगे उनकी आवाज़ें बेअसर साबित हुईं।
गौरतलब है कि इस प्राचीन पोखर पर अवैध रूप से कब्जा कर वहां प्लाटिंग शुरू कर दी गई थी। जब नगरवासियों ने इसका विरोध किया, तो यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया। कई महीनों की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, लगभग आठ दिन पहले कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि इस पोखर को अवैध कब्जाधारियों को छोड़ना होगा।
कोर्ट के इस निर्णय ने डिबाई क्षेत्र के लोगों के लिए उम्मीद की एक नई किरण पैदा की है। अब नगरवासियों को यह विश्वास है कि उनकी आस्था का प्रतीक यह पोखर फिर से अपने पुराने स्वरूप में आएगा। इस निर्णय के बाद, डिबाई क्षेत्र में अन्य पोखरों पर भी अवैध कब्जा करने वाले भू-माफियाओं में हड़कंप मच गया है। नगर में कई अन्य पोखर भी हैं, जिन पर भू-माफिया कब्जा करके अवैध रूप से प्लाटिंग कर चुके हैं।