यूपी के वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हिंदू धर्म किसी का अंत नहीं चाहता और “अहिंसा परमो धर्मः” के सिद्धांत पर आधारित है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राष्ट्र-धर्म की रक्षा और निर्दोषों को बचाने के लिए हिंसा भी धर्मसम्मत मानी जा सकती है। ये विचार उन्होंने भारत सेवाश्रम संघ सिगरा में आयोजित श्री श्री दुर्गा पूजा समारोह में साझा किए।
सीएम योगी ने इस अवसर पर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की और महिलाओं को 100 सिलाई मशीन का वितरण किया। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को शारदीय नवरात्रि की शुभकामनाएं भी दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि “अहिंसा परमो धर्मः” का मतलब यह है कि हम सेवा के कार्य से जुड़े रहें, लेकिन यदि कोई हमारी एकता और अखंडता को चुनौती देता है, तो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए धर्म सम्मत हिंसा को स्वीकार किया जा सकता है।
सीएम ने इस बात पर जोर दिया कि लोककल्याण के लिए सभी जातियों और धर्मों के महापुरुषों का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विरोध का मतलब तोड़फोड़ या लूटपाट नहीं होना चाहिए और ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने एक विशेष तबके पर आरोप लगाया जो हिंदू धर्म के देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करता है और महापुरुषों का अपमान करता है। उन्होंने चेतावनी दी कि कानून को अपने हाथ में लेने का दुस्साहस न करें, अन्यथा ऐसे लोगों को कानून की गिरफ्त में आना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने बंगाल की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां एक समय में जगतजननी मां भगवती की पूजा होती थी, वहीं आज सनातन धर्म वहां असहाय और असुरक्षित नजर आता है। उन्होंने कहा कि बंगाल का इतिहास और संस्कृति बहुत समृद्ध है, लेकिन आज वहां पर्व-त्योहार मनाने के लिए लोगों को कई बार सोचना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने स्वामी प्रणवानंद के योगदान को भी याद किया, जिन्होंने भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रणवानंद का जीवन राष्ट्रवाद की दिशा में समर्पित था और उन्होंने हमेशा हिंदू धर्म की रक्षा की।
सीएम ने कहा कि भारत सेवाश्रम संघ ने जो उद्देश्य स्थापित किया है, वह न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी प्रतिष्ठा प्राप्त कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सेवा कार्य इसी तरह बढ़ता रहा, तो भारत का कोई बालबांका नहीं कर पाएगा। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध विरासत का संरक्षण करना होगा। उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या में रामलला के मंदिर के विकास का उदाहरण देते हुए कहा कि परंपरा और विरासत पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए।
इस अवसर पर कोलिफोर्निया से आए भारत सेवाश्रम संघ के अध्यक्ष स्वामी पूर्ण आत्मानंद जी महाराज, महापौर अशोक तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, डॉ. नीलकंठ तिवारी, अवधेश सिंह, विधान परिषद सदस्य धर्मेंद्र राय, पूर्व मंत्री शतरुद्र प्रकाश सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस संबोधन ने न केवल धार्मिक आस्था को मजबूती दी, बल्कि समाज में एकता और अखंडता का संदेश भी फैलाया।