अयोध्या की रामनगरी में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कुम्हारों के जीवन को रोशन करने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दीपोत्सव के दौरान कुम्हारों को मिल रही आर्थिक सहायता और अवसरों ने उनकी रोजी-रोटी की दिशा में सकारात्मक बदलाव लाया है। अब कुम्हार परिवारों के युवा रोजगार की तलाश में बाहर जाने के बजाय, दीप बनाकर अपने भविष्य को संवारने में जुटे हुए हैं।
इस बार अयोध्या में आठवें दीपोत्सव का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें 25 लाख दीयों के जलाने का लक्ष्य रखा गया है। जयसिंहपुर गांव में 40 कुम्हार परिवारों ने इस पर्व के लिए दीए बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। कुम्हारों का मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें एक नई पहचान दी है और उनके जीवन में परिवर्तन लाने में मदद की है।
कुम्हार लक्ष्मी प्रजापति ने बताया, “योगी सरकार की योजना ने हमारे घर को रोशन कर दिया है। दीपोत्सव के लिए हमें हर साल 30 से 35 हजार दीये बनाने का ऑर्डर मिलता है।” राकेश प्रजापति ने भी सीएम के ऐलान को अपने लिए फायदेमंद बताया और कहा कि उनकी आमदनी में वृद्धि हुई है। गांव की आशा ने बताया कि पहले लोग अपने घरों को सजाने के लिए चाइनीज झालरों का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब मिट्टी के दीये प्राथमिकता बन गए हैं।
राजेश प्रजापति ने सीएम योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद करते हुए कहा, “दीपोत्सव के बाद से हमारी पहचान बन गई है। पहले हमें कोई जानता नहीं था। अब तक हमने 2 लाख से अधिक दीये तैयार कर लिए हैं।” अयोध्या में दीपोत्सव का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। प्रशासनिक तैयारियों के साथ-साथ अवध विश्वविद्यालय के छात्र भी इस उत्सव की सफलता के लिए जुट गए हैं। दीपोत्सव के आयोजन से न केवल कुम्हारों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, बल्कि यह अयोध्या की सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रखता है।